उड़ी हमले के 'मददगारों' को रिहा करेगी एऩआईए, नहीं जुटा पाई सबूत
जम्मू-कश्मीर के उड़ी हमले में आंतकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार दो युवकों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) रिहा करने वाली है।
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के उड़ी हमले में आंतकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार दो युवकों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) रिहा करने वाली है। एनआईए इन दोनों युवकों के खिलाफ सबूत जुटाने में नाकामयाब रही। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक एनआईए ने युवाओं के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाने के कारण जांच की रिपोर्ट बंद करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि 18 सितंबर 2016 में उड़ी में हुए आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 21 सितंबर को फैजल हुसैन अवान और अहसान खुर्शीद नाम के दो युवकों को गिरफ्तार किया गया।
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गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्र के हवाले से अखबार ने छापा है कि गुरुवार को एनआईए ने क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण इन्हें सभी आरोपों से बरी किया जाता है। दोनों युवाओं को रिहा कर पीओके में उनके परिवार से मिलने के लिए छोड़ दिया जाएगा।
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अखबार के मुताबिक दोस्ताना कोशिश के तहत दोनों को पाकिस्तान भेजा जा सकता है। बता दें कि पिछले महीने पाकिस्तान ने गलती से सीमा पार कर गए भारतीय सेना के जवान चंदू चाह्वान को सुरक्षित वापस भेज दिया था। जिसके बाद भारत के ऊपर भी इन दोनों को वापस भेजने का दबाव है।
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