.

एंटीलिया केस साजिश में सचिन वाझे का मददगार पुलिस अफसर रियाज गिरफ्तार

एजेंसी ने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी रियाज ने एंटीलिया केस (Antilia Case) की साजिश में सचिन वाझे की मदद की थी.

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Apr 2021, 02:18:48 PM (IST)

highlights

  • NIA ने रियाज काजी को किया गिरफ्तार
  • सचिन वाझे का मददगार होने का आरोप
  • विस्फोटक लदी कार के मिलने का मामला

मुंबई:

एंटीलिया केस के बाहर विस्फोटक लदी कार मिलने के बाद मनसूख हिरेम मौत के मामले में एनआईए (NIA) ने बड़ा एक्शन लिया है. एंटीलिया केस की जांच कर रही एनआईए ने मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के अधिकारी रियाज काजी को रविवार को गिरफ्तार किया है. एजेंसी ने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी रियाज ने एंटीलिया केस (Antilia Case) की साजिश में सचिन वाझे की मदद की थी. बता दें कि सचिन वाझे भी एनआईए की हिरासत में हैं. मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को कोर्ट ने 23 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में रखने का आदेश दिया है. 

मनसुख हिरेन की हत्या और मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले में सचिन वाझे आरोपी है. अदालत से राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन वाझे की न्यायिक हिरासत की मांग की थी ताकि पूछताछ की जा सके. एजेंसी की इस मांग को अदालत ने स्वीकार कर लिया है. अदालत में सुनवाई के दौरान सचिन वाझे के वकील ने उनकी जान को खतरा बताया. वाझे के वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है. इसलिए जेल में उन्हें सुरक्षित सेल मुहैया कराई जानी चाहिए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

दरअसल, उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली कार और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का खेल यहीं तक सीमित नहीं था. एनआईए के सूत्रों का कहना है कि वाझे आतंकी संगठन के नाम पर एक और बड़ी साजिश की प्लानिंग में जुटा था. इससे पहले की वाझे अपनी दूसरी साजिश को अंजाम दे पाता वह अपने ही बुने जाल में फंस गया और अब एनआईए की कैद में है.

एनआईए के सूत्रों ने बताया, 'मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबनी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के बाद सचिन वाझे और एक बड़ी साजिश की प्लानिंग में जुटा था. एनआईए के सूत्र ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या प्रदीप शर्मा ने वाझे को लॉजिस्टिक्स सपोर्ट दिया. उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का बयान चश्मदीद के तौर पर रिकॉर्ड किया गया है, संदिग्ध के तौर पर नहीं.