फ्लाइट में पैसेंजर की मौजूदगी में कीटनाशकों के छिड़काव पर जारी रहेगा प्रतिबंध: NGT
नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने अपने उस फैसले में बदलाव करने से इनकार कर दिया है जिसमें उसने कहा था कि पैसेंजर की मौजूदगी में एयरक्राफ्ट में कीटनाशकों का छिड़काव न किया जाए।
नई दिल्ली:
नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने अपने उस फैसले में बदलाव करने से इनकार कर दिया है जिसमें उसने कहा था कि पैसेंजर की मौजूदगी में एयरक्राफ्ट में कीटनाशकों का छिड़काव न किया जाए।
एनजीटी ने कहा है कि 2015 में दिये गए आदेश में किसी भी तरह की 'कोई गलती' नहीं है। साथ ही उस आदेश की समीक्षा से भी इनकार कर दिया।
अवकाश बेंच के जज यू डी साल्वी ने उस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि पैसेंजर की मौजूदगी में एयरक्राफ्ट में परमेथ्रिन का छड़काव करने से स्वास्थ्य पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
एनजीटी ने कहा, 'सिविल प्रॉसिजर कोड के तहत हमें लगता है कि इस संबंध में पहले दिये गए फैसले में किसी तरह की कोई गलती नहीं है और इसकी समीक्षा करने का कोई आधार नहीं बनता है।'
एनजीटी में इंडिगो एयरलाइन ने एक अपील दायर की थी और मांग की थी कि पैसेंजर की मौजूदगी में कीटनाशक स्प्रे करने पर रोक लगाने के फैसले की समीक्षा की जाए।
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अगस्त 2015 में दिेये गए फैसले के खिलाफ इंडिगो ने दलील दी थी कि डेंगू और मलेरिया के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है और प्रतिबंध के कारण वो इस संबंध में किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
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अमेरिका में भारतीय मूल के न्यूरोसॉजिस्ट डॉ. जैन कुमार की याचिका पर एनजीटी में याचिका दायर की थी जिसके बाद एनजीटी ने केंद्र सरकार और उड्डयन मंत्रालय को आदेश दिया था कि पैसेंजर की मौजूदगी में कीटनाशकों का छिड़काव न कराया जाए।
डॉ. कुमार ने याचिका में कहा था कि कीटनाशकों में मौजूद केमिकल फेनॉथ्रिन एक न्यूरोटॉक्जीन है जिसके कारण कैंसर और पार्किंसन्स के आलावा दूसरी कई बीमारियां भी हो सकती हैं।
दुनिया के कई एयरलाइंस ने पैसेंजर की मौजूदगी में कीटनाशकों के छिड़काव पर प्रतिबंध लगा चुकी हैं।
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