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विभिन्न देशों को सैटेलाइट सेवा के जरिए लाभ पहुंचा रहा है चीन

विभिन्न देशों को सैटेलाइट सेवा के जरिए लाभ पहुंचा रहा है चीन

IANS
| Edited By :
18 Dec 2021, 06:30:01 PM (IST)

बीजिंग: चीन ने पिछले कुछ वर्षों से विज्ञान व तकनीक के विकास पर बहुत ध्यान दिया है। साथ ही मौसम व कृषि आदि के क्षेत्र में ज्यादा सटीक अनुमान लगाने के लिए सैटेलाइट छोड़ने में भी चीनी वैज्ञानिक अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके कारण हमने देखा है कि चीन में विभिन्न आपदाओं का समय पर अनुमान लगाया जा रहा है, ताकि जान-माल का कम से कम नुकसान हो। हाल के दिनों में बारिश, बाढ़ व तूफान आदि से पहले चीन के मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की। जिससे लोगों को समय से पहले सावधान होने का मौका मिला।

बता दें कि चीन न सिर्फ अपने लोगों को ये लाभ पहुंचा रहा है, बल्कि अन्य देशों में भी मदद दे रहा है। चीन के संबंधित विभाग के अनुसार चीन का फंगयुन 121 देशों और क्षेत्रों को मौसम संबंधी सैटेलाइट डेटा प्रदान कर रहा है। सबसे अहम बात यह है कि यह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महात्वाकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड से भी जुड़ता है। यह उपग्रह 85 ऐसे देशों और क्षेत्रों को कवर करता है, जो बेल्ट एंड रोड पहल से लगते हैं।

चीनी मौसम विज्ञान प्राधिकरण के मुताबिक फंगयुन सैटेलाइट चीन द्वारा विकसित रिमोट-सेंसिंग मौसम संबंधी उपग्रहों की एक सीरीज है। बताया जाता है कि इस साल लॉन्च किए गए दो नए उपग्रह, फंगयुन-3 ई और फंगयुन-4 बी को दूसरे देशों से आर्डर हासिल हो चुके हैं।

इतना ही नहीं चीनी वैज्ञानिकों ने 92 देशों और क्षेत्रों के 1,400 से अधिक पेशेवरों को तकनीकी ट्रेनिंग भी दी है।

उल्लेखनीय बात यह है कि सभी यूजर्स के लिए डेटा सेवाएं और तकनीकी कर्मियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया है। यह चीन द्वारा की जा रही मदद और मंशा को जाहिर करता है।

गौरतलब है कि चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना में इस बारे में अहम निर्णय लिया गया है। इस अवधि में पांच और मौसम संबंधी उपग्रहों को लांच करने और साल 2035 तक तीसरी पीढ़ी के फंगयुन उपग्रह अवलोकन प्रणाली को अपग्रेड करने की योजना बनायी गयी है। ताकि आपदा निवारण और राहत कार्यों में बेल्ट एंड रोड से जुड़े देशों के नागरिकों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सके।

इससे जाहिर होता है कि चीन उपग्रह प्रणाली को साझा करने और विभिन्न देशों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस व्यवस्था से कई देशों को समय पर आपदा आदि मुसीबतों का पता लग सकेगा, जिससे वे बचाव कार्य करने में समर्थ होंगे।

(अनिल पांडेय, पेइचिंग)

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