नायडू ने संयुक्त परिवार और बुजुगार्ंे के महत्व को रेखांकित किया
नायडू ने संयुक्त परिवार और बुजुगार्ंे के महत्व को रेखांकित किया
नई दिल्ली:
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश के सभ्यतागत मूल्यों के मूल आधार संयुक्त परिवार प्रणाली और बड़ों का सम्मान करने की परंपरा को मजबूत करने का आह्वान किया है।
श्री नायडू ने शनिवार को युवा सदस्यों के मार्गदर्शन और सलाह देने में एक परिवार में बुजुर्ग सदस्यों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, पीढ़ियों के बीच के आपसी संबंध पारिवारिक मूल्य प्रणाली की रक्षा और इसे बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
उपराष्ट्रपति ने संक्रांति पर्व के अवसर पर नेल्लोर में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में एक वृद्वाश्रम के लोगों के साथ वर्चुअल तौर पर बातचीत करते हुए यहां रह रहे लोगोंे के कल्याण और उन्हें उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली और ट्रस्ट के कर्मचारियों तथा अधिकारियों को उनकी पहल के लिए बधाई दी।
श्री नायडू ने भारतीय संस्कृति में त्योहारों के महत्व पर विचार करते हुए कहा कि आज के युवाओं को प्रकृति के त्योहारों को मनाने, परिवारों को एक साथ बनाए रखने और समाज में शांति एवं सद्भाव लाने में संक्रांति जैसे त्योहारों के महत्व को समझना चाहिए।
मकर संक्रांति वह दिन है जिसे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के दिन के रूप में माना जाता है और पूरे भारत में इसे पोंगल, बिहू, सक्रांत जैसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है। इसके अलावा, यह त्योहार बांग्लादेश और नेपाल में भी मनाया जाता है।
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