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एनईपी 2020 का भाग्य पिछली नीतियों से बहुत अलग : जामिया कुलपति

एनईपी 2020 का भाग्य पिछली नीतियों से बहुत अलग : जामिया कुलपति

IANS
| Edited By :
02 Sep 2021, 09:50:01 PM (IST)

दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीते दिनों कोई अकादमिक कांउसिल के अनेक सदस्यों ने नई शिक्षा नीति के अनेक प्रावधानों का विरोध किया। हालांकि इस बीच ऐसे जामिया विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति को व्यापक समर्थन मिल रहा है। जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कहा कि अब यह मानने के लिए पर्याप्त सबूत हैं, कि इस शिक्षा नीति का भाग्य पिछली नीतियों से बहुत अलग होने जा रहा है।

जामिया की कुलपति ने नई शिक्षा नीति के क्रियांवयन को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का नेतृत्व नीति के कार्यान्वयन के लिए कई कार्य योजनाओं को तैयार करने की पहल करने में बहुत गंभीर कदम उठा रहा है।

उन्होंने कहा कि समय और संसाधनों को देखते हुए, यह नीति हमारे देश में सभी स्तरों पर शिक्षण और सीखने के पूरे परि²श्य को नया रूप देने जा रही है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जामिइ) में शिक्षा संकाय के शिक्षा स्कूल ने ट्रांसफॉर्मेटिव रिफॉर्म्स इन एनईपी 2020: प्रेजेंट इनिशिएटिव्स एंड रोड अहेडह्व पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। इसी दौरान कुलपति ने यह बात कही।

माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने कहा, इस धारणा के कारण कि अंग्रेजी भाषा की महारथ जीवन में सफलता सुनिश्चित करती है, माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा की गुणवत्ता की परवाह किए बिना अंग्रेजी-माध्यम स्कूलों में भेजना पसंद करते हैं, इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।

प्रो. सिन्हा ने यह भी कहा कि एनईपी के अनुसार, क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करने का उद्देश्य न केवल एक बच्चे के सीखने के परिणामों में सुधार करना है, बल्कि भारत के ज्ञान को विकसित करना भी है। इसे राष्ट्रीय गौरव, आत्मविश्वास, आत्म-ज्ञान, सहयोग और एकीकरण के उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने निर्दिष्ट किया कि शिक्षा नीति कार्यान्वयन नीचे से ऊपर और साथ ही ऊपर से नीचे तक निरंतर बातचीत की एक बहुआयामी प्रक्रिया है।

उन्होंने कहा कि ह्यराष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा प्रणाली की बेहतरी में पूरे समाज की भागीदारी को सुगम बनाएगी, जो इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेगी कि हम जिस प्रणाली के भीतर रहते हैं, उसके साथ कैसे रहें और कार्य करें।

वेबिनार के संयोजक प्रो एजाज मसीह, नोडल अधिकारी, स्कूल ऑफ एजुकेशन और सह-संयोजक डॉ सविता कौशल, एसोसिएट प्रोफेसर, आईएएसई, जामिया मिल्लिया इस्लामिया थे।

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