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BJP और JDU में छिड़ी रार, आगे NDA के लिए मुश्‍किलें खड़ी कर सकते हैं नीतीश कुमार

प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण समारोह से पहले शुरू हुई बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच छिड़ी रार अब और अधिक बढ़ती नजर आ रही है.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Jun 2019, 11:28:05 AM (IST)

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण समारोह से पहले शुरू हुई बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच छिड़ी रार अब और अधिक बढ़ती नजर आ रही है. जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपना एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि साफ-साफ कह दिया है कि वो बीजेपी के साथ हैं लेकिन केंद्र सरकार में शामिल नहीं होंगे. बताया जा रहा है कि मोदी सरकार में जेडीयू को दो सीट की जगह एक सीट देने से नीतीश कुमार नाराज चल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो बीजेपी के साथ गठबंधन तो जारी रखेंगे लेकिन केंद्र सरकार में शामिल नहीं होंगे.

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मोदी सरकार से अलग होने ये कारण बताया नीतीश कुमार ने

  • जेडीयू अध्यक्ष ने कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत प्राप्त है. अमित शाह के बुलाने पर मैं उनसे मिलने दिल्ली गया था. शाह ने कहा कि हम राजग के घटक दलों को एक-एक मंत्री पद दे रहे हैं. इस पर मैंने कहा कि मंत्रिमंडल में सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है. बाद में जेडीयू के सभी सांसदों ने इस पर सहमति जताई.
  • नीतीश कुमार ने आगे बताया कि जेडीयू के लोकसभा में 16 सांसद और राज्यसभा में छह सांसद हैं. पार्टी नेताओं का भी कहना है कि हमें सिम्बॉलिक रिप्रेजेंटेशन (सांकेतिक भागीदारी) की जरूरत नहीं. गठबंधन में होने के नाते जेडीयू बीजेपी के साथ खड़ी है.
  • नीतीश ने मंत्रिमंडल बंटवारे पर नाराजगी जताते हुए कहा, "पार्टियों को अनुपात के हिसाब से मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलनी चाहिए. सिम्बॉलिक रिप्रेजेंटेशन की जरूरत नहीं है."
  • बिहार मुख्यमंत्री ने बीजेपी से किसी भी नाराजगी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि "बिहार में हम साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं." उन्होंने कहा कि 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा.
  • भविष्य में शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि इसकी अब जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जो होता है, वह शुरू में ही होता है. बाद में होने की जरूरत नहीं.

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गौरतलब है कि गुरुवार को जेडीयू के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा चल रही थी. हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह के पहले जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने की घोषणा करते हुए कहा था कि मोदीनीत मंत्रालय में शामिल होने के लिए बीजेपी की पेशकश 'प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व' है, जो जेडीयू को स्वीकार नहीं है.

(इनपुट आईएनएस के साथ)