बढ़ेगी स्विस बैंक में खाता रखने वालों की मुसीबत, स्विटजरलैंड अकाउंट से जुड़ी जानकारी देने को तैयार
नरेंद्र मोदी सरकार की कालेधन को विदेशों से वापस लाने की मुहिम अब रंग ला रही है।
highlights
- कालेधन पर मोदी सरकार को बड़ी सफलता
- स्विटजरलैंड सरकार काले धन और खातों से जुड़ी जानकारी देने के लिए तैयार
नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी सरकार की कालेधन को विदेशों से वापस लाने की मुहिम अब रंग ला रही है। स्विस बैंक में कालाधन रखने वाले भारतीयों की जानकारी देने के लिए स्विटजरलैंड सरकार तैयार हो गई है। अब स्विस बैंक में खाता रखने वाले भारतीयों की जानकारी केंद्र सरकार को तुरंत मिल जाएगी।
इसके लिए स्विटजरलैंड सरकार ने भारत और दूसरे 40 देशों के लोगों के अकाउंट (स्विस अकाउंट) की जानकारी, संदिग्ध लेन देन और काले धन से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। अब इन देशों को सूचना की गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कड़े नियमों का पालन करना पड़ेगा।
टैक्स से जुड़ी सूचनाएं के आदान-प्रदान के लिए वैश्विक संधि को मंजूरी के प्रस्ताव पर स्विटजरलैंड की संघीय परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि स्विस सरकार ने इस व्यवस्था को अगले साल 2018 में लागू करने का फैसला किया है। इससे भारत सरकार को काले धन से जुड़ी जानकारी 2019 में मिल पाएगी।
स्विटजरलैंड सरकार इस मामले में जल्दी ही सूचनाओं के आदान-प्रदान की इस नई व्यवस्था को शुरू करने की तारीख की जानकारी भारत सरकार देगी।
गौरतलब है स्विस बैंक भारतीयों के कालाधन 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े मुद्दों में से एक था। उस वक्त बीजेपी के पीएम उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी ने सरकार बनने पर देश के बाहर से भारतीयों के कालेधन को देश में वापस लाने का वादा किया था।
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इस वादे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगातार स्विटजरलैंड सरकार पर कूटनीतिक दबाव बना रही थी। भारत सरकार ने बैंकिंग सौदों के से जुड़े सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए वैश्विक मंचों पर भी कई बार कोशिश की थी।
स्विटजरलैंड सरकार के इस नए फैसले से भारत में कालेधन को खपाने और मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने में सरकार को बड़ी मदद मिलेगी।
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