ममता बनर्जी पर 'हमला'... 'चार-पांच' हमलावरों का नहीं भीड़ का जिक्र
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें 'चार-पांच लोगों' के हमले का जिक्र नहीं किया गया है.
highlights
- सीएम ममता बनर्जी पर हमले की सियासत हुई तेज
- चुनाव आयोग को भेजी ममता सरकार ने रिपोर्ट
- इसमें हमलावरों का जिक्र नहीं, भीड़ का हवाला
कोलकाता:
नंदीग्राम (Nandigram) में पश्चिम बंगाल (West bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर हुए कथित हमले पर सियासत तो हो ही रही है, साथ ही चुनाव आयोग (Election Commission) जैसी संवैधानिक संस्था भी इसके लपेटे में आ गई है. हालांकि बंगाल निर्वाचन आयोग मसले की आंच संस्था तक पहुंचने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार के जिम्मे बताई थी. अब पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें 'चार-पांच लोगों' के हमले का जिक्र नहीं किया गया है. हालांकि आयोग ने घटनास्थल पर भारी भीड़ की मौजूदगी का हवाला दिया गया है. वहीं, सूत्रों के मुताबिक आयोग ने शनिवार शाम तक इस बारे में और ब्योरा देने को कहा है.
'स्पष्ट फुटेज नहीं मौजूद'
अधिकारी के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पर घटना हुई वहां का कोई स्पष्ट फुटेज उपलब्ध नहीं है. नंदीग्राम सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद चुनाव प्रचार के दौरान 10 मार्च को पूर्वी मेदिनीपुर जिले में बिरूलिया बाजार में बनर्जी चोटिल हो गई थीं. बनर्जी ने आरोप लगाया था कि 'चार-पांच' लोगों के धक्के में वह चोटिल हो गई थीं. जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इलाके में एक दुकान में सीसीटीवी लगा था लेकिन वह काम नहीं कर रहा था. स्थानीय लोगों, प्रत्यक्षदर्शियों की मिली-जुली राय आयी है. इसलिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है.' घटना के बाद चुनाव आयेाग ने राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे से शुक्रवार शाम तक रिपोर्ट देने को कहा था.
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और ज्यादा जानकारी मांगी
सूत्रों ने बताया कि आयोग ने रिपोर्ट में ओर ज्यादा विवरण मुहैया कराने को कहा है. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव से शनिवार शाम तक जानकारी मुहैया कराने को कहा गया है. चूंकि दोनों पर्यवेक्षक शुक्रवार को यात्रा पर थे. इसलिए उन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए शनिवार शाम तक का वक्त देने की मांग की है. हालांकि शुक्रवार को ही टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय चुनाव आयोग से मिलकर ममता बनर्जी पर हमले की जांच की मांग कर चुका है. ऐसे में यह रिपोर्ट घटनाक्रम को नया मोड़ देने वाली साबित हो सकती है.