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Video: मेजर गोगोई का खुलासा, 'जरूरी था पत्थरबाज को गाड़ी से बांधना वरना कई लोग मारे जाते'

कश्मीर घाटी में एक स्थानीय युवक को जीप पर बांधकर मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले सेना के मेजर नितिन गोगोई पहली बार मीडिया के सामने आए और अपनी बात कही है।

News Nation Bureau
| Edited By :
23 May 2017, 10:10:16 PM (IST)

नई दिल्ली:

कश्मीर घाटी में एक स्थानीय युवक को जीप पर बांधकर मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले सेना के मेजर नितिन गोगोई पहली बार मीडिया के सामने सफई दी है। उन्होंने कहा कि पत्थरबाज को गाड़ी से बांधना जरूरी था वरना कई लोगों की जान खतरे में आ जाती।

मेजर गोगोई ने नौ अप्रैल का जिक्र करते हुए बताया, 'उस दिन मतदान केन्द्र को कुछ लोगों ने घेर लिया था। जब वह मतदान केन्द्र पहुंचे तो देखा कि महिला और बच्चे सेना पर पत्थर फेंक रहे है। सेना पर वह लोग पट्रोल बम फेंक रहे थे।'

उन्होंने कहा, 'मैं लोगों से लगातार कह रहा था कि हम सिर्फ स्थानिय लोगों को बचाने आए हैं तभी मैंने देखा कि एक आदमी भारत विरोधी नारे लगा रहा था। मेरे साथी ने कहा कि हमें फायरिंग करनी चाहिए लेकिन मैंने मना कर दिया।'

Phir maine dekha ek aadmi bheed ko instigate kar raha tha aur anti-India slogans laga raha tha: Major Gogoi

— ANI (@ANI_news) May 23, 2017

My subordinates said we should start firing otherwise we wont come out alive from the situation, but still I told them not to: Major Gogoi pic.twitter.com/0SKThDGlul

— ANI (@ANI_news) May 23, 2017

इससे निपटने के लिए और स्थानीय लोगों को बचाने के लिए हमने पत्थरबाजी करने वाले फारुख अहमद डार को पकड़ लिया और जीप के आगे बांध दिया।

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फारुख अहमद डार को जीप पर बांधने के बाद वह अपनी टीम के साथियों के साथ मतदान केन्द्र पहुंचे और जवानों की जान बचाई।

WATCH: Major Gogoi addresses the media https://t.co/54do27Rn3K

— ANI (@ANI_news) May 23, 2017

We went to a polling booth to check the security situation, and then some people started pelting stones at us: Major Gogoi

— ANI (@ANI_news) May 23, 2017

Then stone pelters started throwing petrol bombs at us, I took that step just to save local people: Major Gogoi

— ANI (@ANI_news) May 23, 2017

आपको बता दे कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गोगोई को आतंकवाद निरोधी कार्रवाई के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) पुरस्कार से नवाजा है। इस पुरस्कार को लेकर राजनीतिक विवाद तूल पकड़ चुका है।

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