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Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश को लेकर अमित शाह के घर पर होगी बैठक, बनेगी रणनीति

मध्यप्रदेश की सियासी संकट की सुनवाई आज एक बार फिर तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है. एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार न करने का कारण पूछा.

News Nation Bureau
| Edited By :
20 Mar 2020, 12:09:26 AM (IST)

नई दिल्‍ली:

मध्यप्रदेश की सियासी संकट की सुनवाई आज एक बार फिर तीसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है. एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार न करने का कारण पूछा. कोर्ट में बीजेपी और कांग्रेस के वकीलों में कई बार गरमागरम बहस भी हुई. भाजपा के वकीलों ने सभी 16 बागी विधायकों को पेश करने की इच्छा जाहिर की थी, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया था. दूसरी ओर, भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं.

19:25 (IST)

मध्यप्रदेश को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घर पर थोड़ी देर में बड़ी बैठक होगी. कल फ्लोर टेस्ट की रणनीति बनेगी. केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर,धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और पीयूष गोयल शामिल होंगे.

19:23 (IST)

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट ने कल विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है.

18:25 (IST)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2 दिन से चल रही जिरह को हमने सुना. उन्होंने कहा कि हमने सभी पक्षों को सुना. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20 मार्च को विधानसभा का सत्र हो. उसी दिन फ्लोर टेस्ट होगा. हाथ खड़े कर मतदान होगा. साथ ही वीडियोग्राफी भी होगी. 

18:18 (IST)

कमलनाथ की किस्मत का फैसला कल, सुप्रीम कोर्ट ने तय किया वक्त

16:44 (IST)

कोर्ट में गवर्नर की ओर से तुषार मेहता ने रखी अपनी बात

कोर्ट में गवर्नर की ओर से तुषार मेहता ने कहा, 'रोज लोकतंत्र का नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री नए जिले बना रहे हैं. इस देश में संसद काम कर रही है, सुप्रीम कोर्ट काम कर रहा है, फिर विधानसभा में ही सिर्फ कोरोना की बात आई. क्या इनके पास 15 मिनट नहीं था, बहुमत साबित करने का.'

16:43 (IST)

रोहतगी ने कोर्ट ने किया निवेदन

रोहतगी ने कोर्ट ने निवेदन किया कि इस मामले में विस्तार से सुनवाई बाद में करना. अभी अंतरिम आदेश पास किया जाए.

16:30 (IST)

कोर्ट में रोहतगी ने फिर से नियुक्ति की बात दोहराई

कोर्ट में रोहतगी ने फिर से नियुक्ति की बात दोहराई. उन्होंने कहा कि जिस मुख्यमंत्री का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है, वो तीन-तीन जिले बना रहे हैं. नई नियुक्तियां की जा रही हैं.

16:29 (IST)

कांग्रेसी नेता पूरी कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं- रोहतगी

रोहतगी ने कहा, 'कांग्रेस पक्ष के लोग पूरी कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं. कोर्ट को मिडलीड किया जा रहा है. कल दवे ने कहा विधायकों से दिग्विजय को मिलने नहीं दिया जा रहा और सुप्रीम कोर्ट को आदेश देना चाहिए, लेकिन चालाकी देखिए वही दिग्विजय यही याचिका हाईकोर्ट में लगा चुके थे. अब ये बात उन्होंने SC को क्यों नहीं बताई. कोर्ट को गुमराह क्यों किया गया. कितनी जगह एक ही मांग को दोहराया जाएगा.'

16:16 (IST)

इस्तीफे पर फैसले का फ्लोर टेस्ट से कोई लेना-देना नहीं- रोहतगी

रोहतगी ने कहा कि जब इन पर बन आई थी तो आधी रात को भी फ्लोर टेस्ट का आदेश मांग रहे थे. वो आज 2 हफ्ते का समय मांग रहे हैं. इस्तीफे पर फैसले का फ्लोर टेस्ट से कोई लेना-देना नहीं है.

16:16 (IST)

जस्टिस चन्दचूड़ के सवाल पर मुकल रोहतगी का जवाब

मध्यप्रदेश में सुनवाई अभी जारी है. जस्टिस चन्दचूड़ के पूछने पर मुकल रोहतगी ने साफ कर दिया कि विधायक अब स्पीकर से नहीं मिलना चाहते, वो हाउस भी नहीं आना चाहते. अब स्पीकर चाहे तो उनका इस्तीफा स्वीकार करें या उन्हें अयोग्य करार दें.

16:05 (IST)

गवर्नर ने एक संभावित निष्कर्ष दिया, क्या इसे गलत कह सकते हैं- रोहतगी

जवाब में रोहतगी ने कहा कि गवर्नर ने एक संभावित निष्कर्ष दिया, जिसमें कुछ गलत नहीं कहा जा सकता है.

16:04 (IST)

सरकार के वकील ने कहा, 'कांग्रेस और मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से तमाम दलीलों में गवर्नर लालजी टंडन की भूमिका पर सीधे सीधे सवाल उठाए जा रहे थे कि वो कैसे निर्णय कर सकते हैं कि सरकार अल्पमत में है, जबकि विधानसभा का सत्र चल रहा हो? किस आधार पर उन्होंने फ्लोर टेस्ट की बात कही?' 

15:46 (IST)

दिग्विजय सिंह बोले- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सत्याग्रह का फैसला लूंगा

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सत्याग्रह का फैसला लूंगा. उन्होंने कहा कि कल मैं अनशन पर था और आज गुरुवार का व्रत है.

15:43 (IST)

कैबिनेट मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के निवास पर कांग्रेस नेताओं की बैठक

भोपाल: कांग्रेस नेता हरीश रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल कैबिनेट मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के निवास पर पहुंचे. प्रदेश के वर्तमान हालत पर चर्चा हो रही है और रणनीति बनाई जा रही है.

15:34 (IST)

सिब्बल - कुछ सदन में नहीं आएंगे. सरकार गिर जाएगी और विधायक नई सरकार में कोई पद ले लेंगे. क्या कोर्ट ऐसा उदाहरण स्थापित करना चाहता है

सिब्बल- चलिए, मैं मान लेता हूं कि विधायक बंधक नहीं हैं. आज़ाद हैं. तो फिर इन विधायकों को विधानसभा आने से कौन रोकता है. वो हमारी सरकार के खिलाफ आकर वोट दे. उन्हें कौन रोकता है या वो राज्यपाल से मिले, कौन रोक रहा है. सीएम उनकी सुरक्षा का वचन देता है

14:38 (IST)

सिब्बल कह रहे है कि अपने आप में ये एक अलग ही मामला है. इसमें किसी ने राज्यपाल के सामने यह दावा नहीं किया है कि उसके पास बहुमत है और यह पहला ऐसा केस है जहां राज्यपाल तब बहुमत साबित करने के लिए कह रहे हैं जबकि सत्र चालू है. अरुणाचल प्रदेश का ही मामला लेले तब तो सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को गलत बताया था. तब गवर्नर ने सत्र बुलाने के साथ कार्रवाई पर भी निर्देश दिए थे.

14:34 (IST)

इधर लंच के बाद मध्यप्रदेश में सुनवाई   फिर से शुरू हो गई है। कमलनाथ की ओर से सिब्बल जिरह कर रहे है

13:12 (IST)

सिंघवी की जिरह पूरी हो गई है. लंच ब्रेक के बाद दोपहर 2 बजे फिर सुनवाई शुरू होगी

12:52 (IST)

सिंघवी- ये अपने आप में कोई अकेला मामला नहीं है, राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिश, केरल और भी कुछ राज्य है, जहां कोरोना के चलते विधानसभा स्थगित की गई है. अब क्या कोर्ट तय करेगी कि मध्यप्रदेश में ऐसा हो या नहीं? ये स्पीकर को तय करने दीजिए

12:45 (IST)

सिंघवी- मी लार्ड, अपने आप में ये test केस है कि क्या कोई गवर्नर किसी सरकार को अस्थिर  कर सकते है।आज आपने इसकी इजाजत दे दी तो आगे  देश भर में ऐसे मामलों को बाढ़ आ जाएगी

12:41 (IST)

जस्टिस चंद्रचूड़- जिस दिन राज्यपाल ने खत लिखा , उस दिन सत्र शुरू नहीं हुआ था. उन्होंने राज्यपाल ने सत्र बुलाने को कहा और कहा कि उस दिन बहुमत परीक्षण भी हो.

सिंघवी- राज्यपाल के कहने का एक तरह से मतलब था कि स्पीकर इस्तीफे और अयोग्यता पर कोई फैसला न ले, सिर्फ सबसे पहले फ्लोर टेस्ट करवाएं

12:40 (IST)

जस्टिस हेमंत गुप्ता - यानि अगर सरकार बहुमत भी खो चुकी तब भी राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं बोल सकते. सिंघवी -जी हां, वो सिर्फ सत्र बुला सकते है. बाकी काम स्पीकर का

12:37 (IST)

सिंघवी 14 मार्च की राज्यपाल की चिट्ठी की भाषा पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, इसमे गवर्नर लिखते है कि 22 विधायकों ने त्यागपत्र भेजा .मैंने भी मीडिया में देखा. चिट्ठी मिली है. सरकार बहुमत खो चुकी है.

सिंघवी ने कहा - यानि गवर्नर पहले ही मन बना चुके है कि कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है. सिंघवी- तो राज्यपाल ने खुद ही तय कर लिया?

12:33 (IST)

सिंघवी - गवर्नर सिर्फ हाउस को समन कर सकता है, लेकिन बाद में कैसे काम सदन के अंदर चले, ये पूरी जिम्मेदारी स्पीकर की.

जस्टिस चन्दचूड़ ने पूछा सिर्फ इतनी ही जिम्मेदारी है, गवर्नर की. सिंघवी ने कहा - जी हां

12:30 (IST)

सिंघवी- अगर सदन का सत्र न चल रहा हो तो राज्यपाल सत्र बुलाने के लिए कह सकते हैं. उसके आगे की कार्रवाई स्पीकर तय करते हैं.

चन्दचूड़-अगर सत्र नहीं चल रहा और सरकार बहुमत खो देती है तो ऐसी सूरत में तो गवर्नर स्पीकर को विश्वास मत के लिए बोल सकते हैं.सत्रावसान की स्थिति में अगर सरकार बहुमत खो देती है , तो क्या गवर्नर असेम्बली को नहीं बुला सकते.एक अल्पमत की सरकार को contiune रहने की इजाजत दी जा सकती है?

12:12 (IST)

जज - सवाल हमारे सामने ये भी है कि हमे दखल देना चाहिए फिर राज्यपाल अभी पास मौजूद संविधानक विकल्पों के इस्तेमाल करेंगे, ऐसी सूरत में

12:11 (IST)

इस पर जस्टिस चन्दचूड़ का सवाल- आप तो ऐसे कह रहे है jaise running असेंबली में स्पीकर का कोई रोल ही नहीं

12:10 (IST)

जस्टिस चन्दचूड़ ने कहा, आप ये कहना चाह रहे कि फ्लोर टेस्ट  एक running असेम्बली में तभी हो सकता है, जब अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो. सिंघवी - हां, दुसरी सूरत तब है जब अगर चलते हुए हाउस में कोई मनी बिल) गिर जाए , तब राज्यपाल बहुमत साबित करने को कह सकते हैं

12:01 (IST)

सिंघवी कर्नाटक मामले में दिए SC के आदेश का हवाला दे रहे हैं. जब सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के अधिकारों को अहमियत दी थी और वो कब विधायको के इस्तीफे स्वीकार करेंगे, इसकी कोई समयसीमा तय नहीं की थी. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा आपकी बात सही है, लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट को देर से करवाने की इजाजत भी नहीं दी थी. हमने तो ये साफ किया था कि विधायक सदन की कार्रवाई में जाए या ना जाये, ये फैसला ख़ुद करें.

सिंघवी ने फिर दोहराया - लेकिन कर्नाटक का केस अलग था. वहां अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था. अगर यहा. भी ऐसा होता है तो स्पीकर नियम के मुताबिक उस पर फैसला लेंगे..

11:47 (IST)

अभिषेक सिंघवी का जवाब - जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो उस दौरान कोर्ट ने कभी भी फ्लोर टेस्ट का आदेश नहीं दिया है. यह मामला भी ऐसा ही है. इससे पहले महारास्ट्र और कर्नाटक में जब भी फ्लोर टेस्ट का आदेश हुआ, तब वो नई विधानसभा थी.

11:46 (IST)

जस्टिस चंद्रचूड़ - स्पीकर द्वारा इस्तीफे या अयोग्यता पर फैसला लिए जाने का फ्लोर टेस्ट से क्या संबंध है.  उसे क्यों रोका जाएसिंघवी ने जवाब दिया कि इससे ये तय होगा कि नई सरकार में अपनी पार्टी से विश्वासघात करने वाले MLA को क्या मिल सकेगा

जस्टिस चंद्रचूड़- अगर आपने इस्तीफा नामंज़ूर किया, फिर MLA व्हिप से बंध जाएंगे. अगर उन्होंने व्हिप का उल्लंघन किया तो भी स्पीकर उन्हें अयोग्य करार दे सकते हैं. जस्टिस चन्दचूड़ की अहम टिप्पणी- हम हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा नहीं देना चाहते. इसलिए जल्दी फ्लोर टेस्ट ज़रूरी होता है

11:19 (IST)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम जोड़तोड़ को बढ़ावा देना नहीं चाहते . इस जोड़तोड़ को रोकने के लिए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट होना चाहिए

11:12 (IST)

सिंघवी ने कहा- अगर वह बंधक नहीं हैं तो राज्यसभा चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह को उन MLAs से मिलने क्यों नहीं दिया गया? इस पर जस्टिस गुप्ता ने सवाल किया कि क्या MLA राज्यसभा चुनाव में व्हिप से बंधे होते हैं? सिंघवी के सहमति जताने पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा - तब mLAs से मिलने की दलील का कोई मतलब नहीं रहा जाता. सिंघवी ने कहा कि दिग्विजय को छोड़िए, महत्वपूर्ण बात ये है कि MLA को बंधक बनाया गया है

11:05 (IST)

इस पर जस्टिस चन्दचूड़ ने कहा लेकिन आप स्थिति से कैसे निपटेंगे जब स्पीकर कोई फैसला नहीं ले रहे है. सिंघवी का जवाब - स्पीकर को वाजिब वक़्त दिया जा सकता है. उन्हें आप दो हफ्ते दे दीजिए. उन्होंने पहले ही MLAs को नोटिस जारी किया हुआ है.

11:02 (IST)

सिंघवी  - इस्तीफे और अयोग्यता पर बिना फैसला हुए, फ्लोर रेस्ट नहीं होना चाहिए।

11:02 (IST)

जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि अगर MLA वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात करें तो स्पीकर फैसला ले लेंगे?

सिंघवी ने इससे इंकार किया. इस पर जस्टिस चन्दचूड़ ने कहा - दोनों के अधिकारों में संतुलन ज़रूरी है. विधायकों को इस्तीफा देने का अधिकार, है तो स्पीकर को फैसला लेने का अधिकार है.

इस पर सिंघवी ने कहा कि कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग की बात करके एक तरह से विधायकों को बंधक बनाए जाने को मान्यता दे रहे हैं. अगर आप समयसीमा भी तय न करें तो भी स्पीकर दो हफ्ते में इस्तीफे या अयोग्यता पर फैसला लेने को तैयार है

10:53 (IST)

सिंघवी ने कहा, सिर्फ स्पीकर को अयोग्यता  तय करने का अधिकार है. अगर उसकी तबीयत सही नहीं है तो कोई और ऐसा नहीं कर सकता. स्पीकर ने अयोग्य कह दिया तो कोई मंत्री नहीं बन सकता. इसलिए, इससे बचने के लिए स्पीकर के कुछ करने से पहले फ्लोर टेस्ट की बात दोहरानी शुरू कर दी गई.

10:48 (IST)

सिंघवी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट भी स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में यू दखल नहीं दे सकता. दलबदल कानून के तहत 2/3  विधायको का  पार्टी से अलग होना ज़रूरी. अब BJP की ओर से इससे बचने का नया तरीका निकाला जा रहा है. 16 लोगों के बाहर रहने से सरकार गिर जाएगी। नई सरकार में यह 16 कोई फायदा ले लेंगे.

10:44 (IST)

सिंघवी ने दलील देते हुए कहा, बीजेपी की ओर से बार बार सिर्फ फ्लोर टेस्ट फ्लोर टेस्ट की बात दोहराई जा रही है। ये सीधे सीधे स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश हो रही है.

10:41 (IST)

मध्य प्रदेश मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है. सिंघवी ने स्पीकर की ओर से जिरह शुरू की

10:32 (IST)

मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला दे सकती है