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मरीना बीच पर ही होगा करुणानिधि का अंतिम संस्कार, मद्रास हाई कोर्ट का फैसला

इस मामले में रात 1 बजे तक सुनवाई चलती रही, हालांकि इसके बावजूद सरकार अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पाई। राज्य सरकार ने जवाब के लिए और समय मांगा।

News Nation Bureau
| Edited By :
08 Aug 2018, 11:07:53 AM (IST)

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में एआईएडीएमके सरकार की ओर से दिवंगत नेता एम करुणानिधि के लिए मरीना बीच पर समाधि स्थल के लिए जगह देने से इंकार करने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस फैसले के खिलाफ डीएमके समर्थकों ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आपात सुनवाई की मांग की, जिसके बाद उच्च न्यायालय भी रात 10:30 बजे सुनवाई करने को तैयार हो गया। मद्रास हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस हुलुवदी जी रमेश की अध्यक्षता में इस केस की सुनवाई की गई।

इस मामले में रात 1 बजे तक सुनवाई चलती रही, हालांकि इसके बावजूद सरकार अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पाई। राज्य सरकार ने जवाब के लिए और समय मांगा। जिसके बाद हाई कोर्ट ने सुबह 8 बजे तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है। माना जा रहा है कि इस मामले में बुधवार सुबह फैसला आएगा।

LIVE UPDATES:

मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के बाद डीएमके समर्थकों ने छाई खुशी की लहर, कोर्ट ने मरीना बीच पर करुणानिधि की अंतिम समाधि के लिए इजाजत दी।

मरीना बीच पर ही होगा करुणानिधि का अंतिम संस्कार, मद्रास हाई कोर्ट का फैसला

Madras High Court pronounces verdict: M #Karunanidhi to get a burial at the Marina Beach pic.twitter.com/dXn2c1kfRI

— ANI (@ANI) August 8, 2018

करुणानिधि की समाधि मामले पर मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, कार्यवाहक चीफ जस्टिस ने आदेश देने की प्रक्रिया शुरू।

जस्टिस एस एस सुंदर ने डीएमके के वकील को कहा, एम करुणानिधि के परिवारवालों ने हाई कोर्ट का रुख नहीं किया।

तमिलनाडु सरकार के वकील ने कहा, डीएमके ने राजनीतिक एजेंडे के तहत इस केस को फाइल किया है। द्रविड कडगम (DK) प्रमुख पेरियार द्रविड आंदोलन के सबसे बड़े नेता थे। क्या उन्हें मरीना बीच पर दफनाया गया था?

# डीएमके के वकील ने कहा, तमिलनाडु में 7 करोड़ की आबादी में 1 करोड़ डीएमके के समर्थक हैं। अगर मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि स्थल के लिए जगह नहीं दी गई तो वे अपमानित हो जाएंगे।

Case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: DMK's lawyer says, 'There are 1 crore DMK followers in Tamil Nadu out of 7 crore population of the state. They'll be offended if burial land is not allotted for Karunanidhi at Marina beach.' pic.twitter.com/oHvhXUqYOW

— ANI (@ANI) August 8, 2018

डीएमके के वकील ने कहा, आपने (राज्य सरकार) ने राजकीय शोक की घोषणा की है, तो समाधि के लिए क्यों नहीं जमीन दिया जा रहा। केंद्र सरकार के प्रोटोकॉल में पूर्व मुख्यमंत्री के लिए जमीन देने पर कोई निषेध नहीं है।

मद्रास हाई कोर्ट में डीएमके के वकील ने कहा, डीएमके के संस्थापक अन्ना कहा करते थे, करुणानिधि मेरी जीवन और आत्मा हैं। करुणानिधि को गांधी मंडपम के पास दफनाना एक सम्मानजनक समाधि नहीं हो सकता।

करुणानिधि की समाधि स्थल को लेकर तमिलनाडु सरकार ने जवाबी हलफनामे में कहा, डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने भी प्रोटोकॉल का हवाला देकर पूर्व सीएम जानकी रामचंद्रण के लिए मरीना बीच पर जगह नहीं दी थी।

मद्रास हाई कोर्ट ने ट्रैफिक रामास्वामी, के बालू और दुरईस्‍वामी की याचिका ख़ारिज़ कर दी। इन सभी ने मरीना बीच पर करुणानिधि के समाधि स्थल का विरोध किया था।

Case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: Madras High Court dismisses petitions filed by Traffic Ramaswamy, K Balu & Duraisamy challenging construction of memorials at Marina beach. pic.twitter.com/lP6smWeM26

— ANI (@ANI) August 8, 2018

मद्रास हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता ट्रैफिक रामास्वामी के वकील को निर्देश देते हुए कहा कि वो ज्ञापन सौंप कर बताएं कि उन्हें करुणानिधी को मरीना बीच पर दफनाने में कोई आपत्ति नहीं है। जिसके बाद वकील ने कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के सामने ज्ञापन सौंपा।  

मरीना बीच पर करुणानिधि के पार्थिव शरीर के समाधि स्थल के लिए जगह देने के ख़िलाफ़ याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता ट्रैफिक रामास्वामी के वकील ने कहा कि हमें उनके शरीर को दफनाने के लिए जगह दने पर कोई आपत्ति नहीं है। जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'आप अपना केस वापस ले लीजिए।'

मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई जारी, तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि को जमीन देने के मामले पर जवाबी हलफनामा दायर किया।

Case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: Tamil Nadu Govt files its counter affidavit in the case. Hearing in the matter is underway at Madras High Court.

— ANI (@ANI) August 8, 2018

# मरीना बीच पर अंतिम संस्‍कार के खिलाफ याचिकाकर्ता दुरईस्‍वामी ने अपनी याचिका वापस ली।

# द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा था और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता के मार्गदर्शक सीएन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी। स्टालिन ने अपने पिता एम करुणानिधि के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट की थी।

# सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। इसलिए सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है।

# मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि सरकार मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए इसलिए जगह नहीं देना चाहती क्योंकि वह वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं थे। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन और उनकी बेहद करीबी जे जयललिता मरीना बीच पर ही दफन किये गये थे और वहीं उनके स्मारक बनाये गये हैं। ये दोनों राजनीति में करुणानिधि के कट्टर विरोधी थे।

और पढ़ें- करुणानिधि की राजनीतिक विरासत पर फिर होगा सत्ता संग्राम या स्टालिन संभालेंगे DMK की कमान ?

# चेन्नई की मरीना बीच पर अन्नादुरई, एमजी रामचंद्रन और जयललिता जैसे बड़े नेताओं का अंतिम संस्कार किया गया था।