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हिंदुत्व के खिलाफ है लिंचिंग, सभी भारतीयों का डीएनए एक : मोहन भागवत

हिंदुत्व के खिलाफ है लिंचिंग, सभी भारतीयों का डीएनए एक : मोहन भागवत

News Nation Bureau
| Edited By :
04 Jul 2021, 11:00:33 PM (IST)

नई दिल्ली :

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बड़ा बयान देते हुए लिंचिंग को हिंदुत्व के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं. मोहन भागवत ने 'हिंदू-मुस्लिम एकता' शब्द को भ्रामक बताते हुए कहा कि दोनों एक हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गाजियाबाद के मेवाड़ कॉलेज में रविवार को ख्वाजा इफ्तार अहमद की लिखित पुस्तक 'द मीटिंग ऑफ माइंड्स' का विमोचन करते हुए कहा, "हम एक हैं और इसका आधार हमारी मातृभूमि है. इसलिए यहां कभी झगड़ा करने की जरूरत नहीं पड़ती. हम समान पूर्वजों के वंशज हैं. हम भारत के सब लोगों का डीएनए समान है. चाहे वे किसी भी धर्म के हों."

मोहन भागवत ने कहा कि संघ वोट की राजनीति में विश्वास नहीं करता. हम राष्ट्र के पक्षधर हैं. इसके पक्ष में जाने वालों का हम समर्थन करते हैं. मनुष्यों को जोड़ने का काम राजनीति के बस का नहीं है. राजनीति इस काम का औजार नहीं है, बल्कि उसे बिगाड़ने का हथियार है.मोहन भागवत ने कहा, हम लोकतंत्र में रहते हैं. यहां हिंदुओं या मुसलमानों का नहीं सिर्फ भारतीयों का ही प्रभुत्व हो सकता है. देश में एकता के बिना विश्वास संभव नहीं है.

संघ प्रमुख भागवत ने कार्यक्रम में आगे कहा, हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके को लेकर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता. कुछ काम ऐसे हैं जो राजनीति नहीं कर सकती. राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती. राजनीति लोगों को एकजुट करने का हथियार नहीं बन सकती है. कार्यक्रम में उन्होंने कहा, यह सिद्ध हो चुका है कि हम पिछले 40,000 सालों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं. भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है. हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं, एकजुट होने के लिए कुछ भी नहीं है, वे पहले से ही एक साथ हैं. 

मोहन भागवत ने कहा कि हम लोकतंत्र में रहते हैं. यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है. सिर्फ भारतीयों का ही प्रभुत्व हो सकता है. देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं है. एकता का आधार होना चाहिए राष्ट्रवाद. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई हिंदू कहता है कि यहां कोई मुसलमान नहीं रहना चाहिए, तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं है. गाय एक पवित्र जानवर है, लेकिन जो लोग दूसरों को मार रहे हैं वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं. कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ अपना काम करना चाहिए.