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Lok Sabha Elections 2024: सबसे आगे रहते हुए भी बीजेपी दूर रहेगी बहुमत के आंकड़े से: शशि थरूर

बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से दूर रखने वाली विपक्षी पार्टियां क्या एक साथ रहेंगी? इस सवाल पर शशि थरूर ने कहा, इसका जवाब देना असंभव है.

News Nation Bureau
| Edited By :
14 Jan 2023, 02:51:28 PM (IST)

highlights

  • 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए 2024 में दोहराना असंभव
  • शशि थरूर का दावा 2024 में बीजेपी बहुमत के आंकड़े से 50 सीट रहेगी दूर
  • वंशवादी राजनीति को लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती बता शशि ने दी यह सलाह

कोझिकोड:

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता शशि (Shashi Tharoor) थरूर ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए 2019 की चुनावी जीत को 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में दोहराना असंभव होगा. केरल साहित्य महोत्सव में बोल रहे तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह भाजपा के प्रभुत्व को स्वीकार जरूर करते हैं, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि बीजेपी ने कई राज्यों को खोया है. ऐसे में केंद्र में सत्ता खोना बीजेपी के लिए भी असंभव नहीं है. इंडिया @ 75: ए वॉक थ्रू द डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस सत्र में अपनी बात को आंकड़ों के आधार पर समझाते हुए शशि थरूर ने कहा, 'यदि आप देखें तो भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहद अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्हें चुनाव में हरियाणा, गुजरात, राजस्थान की हर लोकसभा सीट मिली थी. बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में एक सीट को छोड़कर सभी सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी जीते और बंगाल में भी केसरिया पार्टी ने 18 सीटें थीं. अब 2024 लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) में उन सभी परिणामों को दोहराना असंभव है. साथ ही संभव है कि बीजेपी 2024 चुनाव में बहुमत (Majority) के आंकड़े से भी पीछे रह जाए.' 

2019 की तुलना में 2024 में बीजेपी को हो सकता है 50 सीटों का नुकसान
पुलवामा हमलों और उसकी प्रतिक्रियास्वरूप बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में उन्होंने कहा कि इससे चुनाव के अंतिम समय में एक जबर्दस्त लहर बनी. अब यह भी 2024 लोकसभा चुनाव में दोहराया नहीं जाएगा. 66 वर्षीय इस कांग्रेसी नेता ने कहा कि बीजेपी 50 सीटें कम पा सकती है और इस वजह से विपक्षी दलों को मिलने वाला फायदा पूरी तरह से कल्पनीय है. हालांकि उनकी भविष्यवाणी के अनुरूप बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से दूर रखने वाली विपक्षी पार्टियां क्या एक साथ रहेंगी? इस सवाल पर शशि थरूर ने कहा, 'इसका जवाब देना असंभव है.' उन्होंने आगे कहा कि अगर बीजेपी 250 पर आती है और अन्य के पास 290 का आंकड़ा है, तो क्या 290 सीटों के साथ विपक्षी दलों एकमत होंगे या बीजेपी केंद्र सरकार से समर्थन चाहने वाले दलों से 20 और 10 वहां से चुन कर केंद्र में फिर सरकार बना ले... यह आज हम नहीं जानते हैं.' गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 543 में से 303 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस केवल 52 सीट ही जीत सकी थी. 

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वंशवाद की राजनीति लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती
आजादी के 75 साल बाद भारत के सामने विद्यमान चुनौतियों के बारे में बात करते हुए थरूर ने यह स्वीकार किया कि लोकतंत्र में वंशवाद एक चुनौती है. हालांकि उन्होंने कहा कि वंशवाद के लिए महज उनकी पार्टी यानी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने वालों को अपने चारों ओर भी देखना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया, 'कम्युनिस्टों और भाजपा के एकमात्र अपवाद के साथ विडंबना यह है कि भारतीय राजनीति के ध्रुवीय छोरों पर हर पार्टी में वंशवादी राजनीति होती है. जब हम उंगली उठाते हैं और कहते हैं कांग्रेस वंश... तो आपको अपने चारों ओर भी देखना चाहिए. मुलायम सिंह और लालू प्रसाद यादव के बेटे उनके उत्तराधिकारी हैं. करुणानिधि और बाल ठाकरे के बेटे ही उत्तराधिकारी बने. शरद पवार भी इस श्रेणी में आते हैं, लेकिन उनका उत्तराधिकारी उनकी बेटी और भतीजे हैं.'