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Lockdown 3.0: भारत में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 46711, अबतक 1583 की गई जान

स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस का आंकड़ा 46,711 पहुंच गया है, जबकि अबतक 1,583 लोगों की मौत हो चुकी है.

News Nation Bureau
| Edited By :
05 May 2020, 06:40:56 PM (IST)

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस का आंकड़ा 46,711 पहुंच गया है, जबकि अबतक 1,583 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कोरोना से संक्रमित 13,160 लोग ठीक होकर अपने घर चले गए हैं. वर्तमान समय में कोरोना के 31,967 पेसेंट सक्रिय हैं.  

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आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 46 हजार के पार पहुंच गया है. हालांकि सबसे ज्यादा राहत की बात यह है कि देश में कोरोना संक्रमण की वजह से बीमार हुए लोगों की रिकवरी भी तेजी से हो रही है मौजूदा समय रिकवरी रेट 27 फीसदी के ऊपर पहुंच गया है. अब तक 13 हजार से ज्यादा लोग अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं.

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 195 लोगों की मौत हुई है और 3,900 नए मामले सामने आए हैं. यह एक दिन में सामने आए अब तक के सर्वाधिक मामले हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्य मामलों की समयबद्ध जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिसका अब समाधान किया जा रहा है. हम एक संक्रामक रोग से जूझ रहे हैं, इसलिए मामलों की समयबद्ध जानकारी और उनका प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा कुछ राज्यों में इन क्षेत्रों में अंतर देखा गया.

उन्होंने आगे कहा कि अब कोविड-19 के मामलों के प्रबंधन में हम बहुत सहज हैं, लेकिन फील्ड स्तर पर किसी भी ढिलाई के परिणाम सही नहीं होंगे. यह रेखांकित करते हुए कि कोविड-19 संक्रमित रोगियों के प्रत्येक संपर्क का पता लगाना अत्यंत महत्वपूर्ण है, अग्रवाल ने कहा कि निषेध क्षेत्र स्थित केंद्रों में या अन्यत्र, अत्यंत गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराते हैं और आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशित करते हैं.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के परिणाम बहुत सकारात्मक रहे हैं. लॉकडाउन से पहले मामले जहां 3.4 दिन में दोगुने हो रहे थे, वहीं अब यह 12 दिन में हो रहा है. प्रयासों की गति बनाए रखने में यह महत्वपूर्ण है.