कृषि कानून पर 11 दलों ने की संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि नए कृषि कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं है और वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाना चाहते हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज 29वां दिन है. कड़ाके की सर्दी के बीच किसान और जवान बॉर्डर पर डटे हुए है, जहां इतनी सर्दी में किसान प्रदर्शन कर रहे है, तो वहीं जवान ड्यूटी कर रहे है और सभी को सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे है. किसानों का अभी भी साफ कहना है कि जब तक बिल वापिसी नहीं होगा तब तक इससे ही बैठे रहेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि नए कृषि कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव किसानों को मंजूर नहीं है और वे तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाना चाहते हैं. हालांकि मोर्चा की ओर से सरकार को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार अगर साफ नीयत से बातचीत को आगे बढ़ाना चाहे तो किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं.
नए कृषि कानून को लेकर 11 दलों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. उन्होंने साझा बयान जारी किया है.
दिल्ली के कृषि भवन में किसान मजदूर संघ, बागपत से जुड़े 60 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की
सरकार ने फिर किसानों को लिखी चिट्ठी, कहा- बातचीत की तारीख बताए
किसानों से धोखेबाजी की तो जेल ही होगा परमानेंट ठिकाना: योगी आदित्यनाथ
हरियाणा के जींद जिले के उचाना में किसानों ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आने से पहले बनाए गए हेलीपैड को फावड़े से खोद डाला. इतना ही नहीं किसानों ने दुष्यंत चौटाला गो बैक के नारे भी लगाए. दरअसल दुष्यंत चौटाला के हेलिकॉप्टर को आज इस हेलीपेड पर लैंड करना था.
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.
हिरासत में लिए गए प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है.
भारत में लोकतंत्र नहीं है. यह आपकी कल्पना में हो सकता है, लेकिन वास्तविकता में नहीं: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीएम को बताना चाहता हूं कि ये किसान तब तक घर वापस नहीं जाने वाले हैं, जब तक इन कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता. सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए. किसान और मजदूरों के साथ विपक्षी दल खड़े.
दिल्ली पुलिस प्रियंका गांधी और अन्य पार्टी नेताओं को नई दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई.
दिल्ली पुलिस ने प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया. वे राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के लिए मार्च निकाल रहे थे, जिसमें 2 करोड़ हस्ताक्षर थे, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी.
राष्ट्रपति भवन तक कांग्रेस का मार्च पुलिस ने रोका कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि, इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंकवादी तत्वों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. हम किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद करने के लिए यह मार्च कर रहे हैं.
नई दिल्ली के अतिरिक्त दीपक यादन ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में कांग्रेस के मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है. हालांकि, राष्ट्रपति भवन में नियुक्ति करने वाले तीन नेताओं को जाने दिया जाएगा. बता दें कि राहुल गांधी आज सुबह 10:45 बजे विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक कांग्रेस सांसदों के साथ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले थे. उसके बाद वह और अन्य वरिष्ठ नेता भारत के राष्ट्रपति से मुलाकात करते.
24 दिसंबर को बताएंगे किसान, वो क्यों हैं धरने पर? सवालों के लिए कंगना और पायल रोहतगी समेत कई गणमान्यो को भी किया आमंत्रित.
किसान आज दोपहर 12 बजे एक वेबिनार का आयोजन करेंगे. जहां पांच किसान कृषि कानूनों पर एक स्टैंड लेंगे और समझाएंगे कि वे क्यों विरोध कर रहे हैं. इसमें 10,000 लोग हिस्सा ले सकते हैं और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया जाएगा. उन्होंने कंगना रनौत और अन्य लोगों से पूछा है, जो किसानों का विरोध कर रहे हैं वह वेबिनार में शामिल के लिए तैयार रहे.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन और किसान दिवस मनाने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी में नीलम पार्क की तरफ बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, वहीं कई किसान नेताओं को मंगलवार की रात को ही घरों से ही हिरासत में ले लिया गया था. किसान नेताओं ने पुलिस पर मारपीट का भी आरोप लगाया है.
तीन नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह करीब 10.45 बजे विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे. इस दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में अन्य कांग्रेसी सांसद भी इसमें हिस्सा लेंगे. इसके बाद राहुल और अन्य वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे और उनके समक्ष दो करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे.