CM केजरीवाल किसानों को परेशानी से बचाने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं: मनीष सिसोदिया
दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 32 वां दिन है. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं है. सरकार के वार्ता के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन आज फैसला ले सकते हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 32 वां दिन है. सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं है. सरकार के वार्ता के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन आज फैसला ले सकते हैं. किसान आंदोलन से जुड़ी पल पल की अपडेट के लिए बनें रहें न्यूज नेशन के साथ और रहे अपडेट लगातार हरदम हर वक्त...
सिंघु बॉर्डर पर मनीष सिसोदिया किसानों के बीच पहुंचे. हमारे सीएम किसानों को होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं. सभी दबावो के बावजूद स्टेडियम जेलों में परिवर्तित नहीं हुए थे. यह इतिहास का एक काला धब्बा होता अगर हम ऐसा करते.
गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुए आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह. संजय सिंह ने किसानों को दिया समर्थन. किसान नेता वीएम सिंह के साथ की मुलाकात.
राजनाथ सिंह ने कहा कि ये दुष्प्रचार किया गया कि किसानों की जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से छीन ली जाएगी, कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता है. ये मुकम्मल व्यवस्था कृषि कानूनों में की गई है. एमएसपी भी खत्म नहीं होगा.
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि समस्याओं को केवल बात करके हल किया जा सकता है. मेरा दृढ़ता से मानना है कि 29 दिसंबर को होने वाली बातचीत से मुद्दों का समाधान होगा यदि वे किसानों के दृष्टिकोण से संचालित होते हैं, न कि उन राजनेताओं के दृष्टिकोण से जो इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं.
नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बैठे किसानों ने प्रधानमंत्री की मन की बात के विरोध में ताली और थाली बजाई कहां प्रधानमंत्री ने हीं ताली थाली बजाना सिखाया है उम्मीद कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री कम से कम किसानों की बात अपनी भाषा में ही समझ जाएंगे.
शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन.
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए 29 दिसंबर का प्रस्ताव दिया है.
विवादास्पद तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) शासित हरियाणा में रविवार को नगरपालिका चुनावों के लिए मतदान शुरू हो गया. राज्य में अक्टूबर 2019 में भाजपा-जजपा गठबंधन के सत्ता में आने के बाद यह पहला चुनाव है.भाजपा-जजपा गठबंधन और कांग्रेस चुनावी मैदान में हैं.
किसानों की पहली शर्त है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून रद्द करें. दूसरी शर्त है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी दी जाए. तीसरे शर्त में बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की मांग है. चौथी शर्त है कि पराली कानून से किसनों को बाहर रखा जाए.
किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे सरकार से अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है. लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के सामने चार शर्तें भी रखी हैं.
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का आज 32वां दिन है. दिल्ली की तीन सीमाओं - सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में हजारों किसान लगभग एक महीने से डेरा डाले हुए हैं. वह सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.
बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यहां शनिवार को कहा कि, "नए कृषि कानूनों पर कांग्रेस के दोमुंहेपन के कई सबूत अभी तक जनता के सामने आ चुके हैं. इसी कड़ी में अब पंजाब की कांग्रेस सरकार का नया कारनामा सामने आया है.
बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार नए कृषि कानून को सितंबर में ही लागू करवाना चाहती थी.
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा, यह जानकर दुख होता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के अहंकारी रवैये के कारण पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान सम्मान कार्यक्रम से बाहर हैं.
कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसानों को 'किसान सम्मान निधि' योजना में शामिल न किए जाने पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें तत्काल धन जारी किए जाने की मांग भी की.