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दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ का हिस्सा टूटा, तीन लोगों की मौत, पांच लोग बचाए

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा सड़क पर गिरने से मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Sep 2017, 07:26:48 PM (IST)

नई दिल्ली:

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा सड़क पर गिरने से मलबे में कई लोग दब गए हैं। मलबा का बड़ा हिस्सा सड़क पर गिरने की वजह से एक सफेद रंग की कार और दो स्कूटी भी नहर में समा गए।

इस हादसे में स्कूटी सवार एक महिला की मौत हो गई है। फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन बचाव और राहत कार्य में जुटा हुआ है।

LIVE UPDATE:

# पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी पहुंचे घटनास्थल पर और कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है। इसके अलावा उन लोगों के लिए मुआवजा के बारे में भी पूछा जिनकी मृत्यु हो गई है।

# एनडीआरएफ की एक टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए गाजीपुर पहुंची।

# पूर्वी दिल्ली के नगर निगम के कमिश्नर, रणबीर सिंह ने कहा कि घटना का कारण जांच के बाद सुनिश्चित किया जा सकता है।

# मयूर विहार के एसडीएम ने बताया कि दो शव बरामद हुए हैं और पांच लोग बचा लिए हैं।

Two bodies have been recovered, five persons rescued: Ajay Arora, SDM, Mayur Vihar. pic.twitter.com/8F20SChLJT

— ANI (@ANI) September 1, 2017

# रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, दिल्ली पुलिस ने कोंडली नहर से एक शव बरामद किया

#UPDATE Delhi's Ghazipur: One body recovered from Kondli canal, confirms Delhi Police. Rescue operations underway. pic.twitter.com/2DKizkIJ8I

— ANI (@ANI) September 1, 2017

खबरों के मुताबिक मलबे में 6 गाड़ियां दब गई है। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर राहत और बचाव कार्य कर रही है। स्थानीय लोगों के मुताबिक 6 गाड़ियां कूड़े के पहाड़ के मलबे के साथ कोंडली नहर में गिर गईं।

हादसे के बाद इस रूट से होकर गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को बंद कर दिया गया है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा समेत अन्य इलाकों से काफी लोग दिल्ली और नोएडा जाने के लिए इस रूट का इस्तेमाल करते हैं।

आपको बता दें कि गाजीपुर में कचरे का लैंडफिल साइट है जहां पर शहर के कचरे को इकट्ठा किया जाता है। कचरे के ढेर की वजह से यहां पहाड़ बन गया है।

कचरे के इस ढेर को लेकर समय-समय पर चिंताएं तो जताई जाती रहीं लेकिन इनके पूर्ण निस्तारण की कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है। कचरे की वजह से आसपास के लोगों तरह-तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

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