.

देश में पहली बार मिला लिथियम का भण्डार, लैपटॉप, मोबाइल और ईवी होंगे सस्ते !

देश में पहली बार लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार यह लिथियम(G3) 59 लाख टन का अनुमानित भंडार है. जानकारी के मुताबिक यह जम्मू एंव कश्मीर के सलाला-हैमना में इलाके में मिला है. यह एक रेयर अर्थ एलिमेंट है. वर्तमान में भ

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Feb 2023, 02:02:30 PM (IST)

highlights

  • देश में पहली बार मिला लिथियम
  • 59 लाख मिलियन टन का भंडार
  • भारत अभी दूसरे देशों पर निर्भर

नई दिल्ली:

देश में पहली बार लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार यह लिथियम(G3) 59 लाख टन का अनुमानित भंडार है. जानकारी के मुताबिक यह जम्मू एंव कश्मीर के सलाला-हैमना में इलाके में मिला है. यह एक रेयर अर्थ एलिमेंट है. वर्तमान में भारत लिथियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है. यह मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों के बैट्ररी को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. यह भारत के ऑटो सेक्टर को पूरी तरह से बदलकर रख देगा. इस भण्डार के मिलने से मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहन सस्ता हो सकता है.

भारत सरकार के खनन मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि लिथियम जम्मू कश्मीर के सलाल-हैमना इलाके में मिला है. यह रियासी जिले के अंतर्गत है. इसके साथ ही खनन मंत्रालय ने 51 मिनिरल ब्लॉक के बारे में भी जानकारी दी है. जिसे राज्य सरकारों को सौंप दिया गया है. इन 51 ब्लॉकों में 5 गोल्ड के ब्लॉक शामिल है. इन मिनिरल ब्लॉक में पोटाश, गोल्ड जैसे मिनिरल शामिल है. इन राज्यों में जम्मू एंव कश्मीर, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, ओड़िसा, राजस्थान, तामिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात और झारखंड शामिल है.  

वर्तमान समय में भारत लिथियम के लिए दूसरे देश पर निर्भर है. भारत इसके लिए ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से आयात करता है. साल 2020 के आकंड़े के मुताबिक भारत लिथियम आयात करने के हिसाब से दुनिया में चौथे स्थान पर है. जानकारी के मुताबिक भारत अपनी लिथियम बैट्ररी की मांग का 80 प्रतिशत हिस्सा चीन से आयात करता है. वहीं, इसमें आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत के कई देशों के साथ करार कर खनन का काम कर रहा है. 

51 mineral blocks exploration reports of gold, potash, molybdenum, base metals etc. were handed over to State Governments in 62nd CGPB meeting held today. The reports were prepared based on the work carried out by GSI from field seasons 2018-19 till date.https://t.co/nPLRUFQboG pic.twitter.com/UpRvqGDr50

— Ministry Of Mines (@MinesMinIndia) February 9, 2023

अगर इसका सही तरीके से दोहन किया जाए तो यह भारत के सभी मांग को पूरा कर सकता है. वहीं, यह विदेशी मुद्रा भण्डार को भी बचायेगा. वर्तमान समय में ऑस्ट्रेलिया में 57 लाख मेट्रिक टन, चीन में 15 लाख मेट्रिक टन, अमेरिका में 7.5 लाख मेट्रिक टन, चिली में 92 लाख मेट्रिक टन, अर्जेंटीना 22 लाख मेट्रिक टन वहीं,  ब्राजील में 95 हजार मेट्रिक टन का भण्डार है.