CD कांड में अनंत कुमार और येदियुरप्पा के खिलाफ नहीं हुई FIR: ACB
वीडियो लीक मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के खिलाफ राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एफआईआर दर्ज नहीं किया है।
highlights
- सीडी कांड में मोदी सरकार के मंत्री अनंत कुमार और येदियुरप्पा के खिलाफ दर्ज नहीं हुई FIR
- एसीबी ने एफआईआर की खबर का खंडन करते हुए कहा कि अभी तक कोई एफआईआर नहीं हुआ है
नई दिल्ली:
वीडियो लीक मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और मोदी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार के खिलाफ राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एफआईआर दर्ज नहीं किया है।
एसीबी ने एफआईआर की खबर का खंडन करते हुए कहा, 'अभी तक कोई एफआईआर नहीं किया गया है। मामला सायबर क्राइम यूनिट के साथ है।'
गौरतलब है कि वीडियो लीक मामले में बेंगलुरु में फर्स्ट एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार को आवाज की रिकॉर्डिंग जांच अधिकारी के सामने देने का आदेश दिया था।
रविवार देर शाम न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया था कि फॉरेंसिक विभाग की तरफ से ऑडियो में दोनों नेताओं के आवाज की पुष्टि होने के बाद यह एफआईआर दर्ज किया गया है।
इसके बाद येदियुरप्पा ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'एसीबी यह सब जानबूझकर कर रही है क्योंकि सिद्धारमैया ने ऐसा करने के लिए कहा है। वह अनंत कुमार और मुझे फंसान में विफल रहे हैं। हम एसीबी का सामना करने के लिए तैयार है।'
क्या है मामला?
साल की शुरुआत में राज्य की कांग्रेस सरकार ने बीजेपी के किसी कार्यक्रम की एक सीडी जारी की थी।
इस सीडी में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और अनंत कुमार एक दूसरे से यह कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चुनाव तक सफाई देते रहे कि उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को पैसे नहीं दिए।
दोनों नेता यह भी कहते हुए सुने जा रहे थे कि उन्होंने भी पार्टी को रुपये दिए लेकिन वह रकम 1,000 करोड़ रुपये नहीं थी।
सीडी में दोनों नेता केंद्रीय नेतृत्व को पैसे दिए जाने के बारे में भी बात करते सुने गए थे। अनंत कुमार येदियुरप्पा से कह रहे थे कि जब आप सत्ता में थे तो आपने भी पैसे खिलाए और मैंने भी।
सीडी सामने आने के बाद मामले की जांच बेंगलुरू सायरब क्राइम सेल को सौंप दी गई थी। इसके बाद बेंगलुरु की कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार को आवाज के नमूने देने का आदेश दिया था।