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चालान को चैलेंजः 500 रुपये के बदले में की10 लाख रूपये की डिमांड, जानिए पूरा मामला

अपनी याचिका में कहा है कि मुझे अकेले कार चलाने के दौरान मास्क न पहनने के लिए उन पर लगाए गए 500 रुपये के जुर्माने की वापसी की जाए और इसके साथ ही मुझे सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताड़न दिए जाने के लिए सरकारी अधिकारियों से 10 लाख रुपयों का मुआवजा दिया ज

News Nation Bureau
| Edited By :
21 Sep 2020, 05:34:00 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

दिल्ली में इन दिनों कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिल्ली पुलिस बिना मास्क के ड्राइव करने पर चालान काट रही है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली के मास्क चालान का आया है जिसमें चालान के बाद व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस से मुआवजा मांग लिया है. एक वकील अपनी कार में अकेले जा रहा था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे रोका और उसका बिना मास्क पहने गाड़ी चलाने के कारण 500 रुपये का चालान काट दिया.

इस वकील ने इस मामले को लेकर न्याय के लिए दिल्ली के उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है, इस वकील ने अपनी याचिका में कहा है कि मुझे अकेले कार चलाने के दौरान मास्क न पहनने के लिए उन पर लगाए गए 500 रुपये के जुर्माने की वापसी की जाए और  इसके साथ ही मुझे सार्वजनिक रूप से मानसिक प्रताड़न दिए जाने के लिए सरकारी अधिकारियों से 10 लाख रुपयों का मुआवजा दिया जाए.

वकील सौरभ शर्मा ने हाई कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें 9 सितंबर को पूर्वी दिल्ली के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा एक चालान जारी किया गया था, जबकि वह अकेले गाड़ी चला रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक अपनी याचिका में उन्होंने कहा है, 9 सितंबर 2020 को लगभग 11 बजे वो अपने कार्यालय जा रहे थे कि तभी उनकी कार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा गीता कॉलोनी के पास रोक दिया गया था.

एक पुलिस कांस्टेबल अरोड़ा ने उनका फोटो लिया, जबकि याचिकाकर्ता अभी भी अपनी कार में बैठे हुए थे और उसे कार से उतरने का निर्देश दिया. वकील सौरभ शर्मा द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि उन्होंने निजी वाहन में अकेले यात्रा करते समय मास्क पहनने के लिए कार्यकारी आदेश को देखने की मांग की. हालांकि, दिल्ली पुलिस के अधिकारी उन्हें ऐसा कोई आदेश नहीं दिखा सके, लेकिन फिर भी उनसे 500 रुपये का जुर्माना लिया गया.

वकील सौरभ शर्मा ने आगे कहा कि, शहर की जनता पर बिना किसी कानूनी अधिकार के जुर्माना लगाया जा रहा है और इसलिए माननीय न्यायालय द्वारा इसे खारिज किया जा सकता है. याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को अकेले यात्रा करते समय मास्क नहीं पहनने पर किसी के खिलाफ जुर्माना लगाने से रोकने के लिए एक दिशा-निर्देश दिए जाने की भी मांग की है. व्यक्तिगत वाहन, अकेले यात्रा करते समय सार्वजनिक स्थान नहीं  उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि चालान में बताया गया अपराध यह है कि उन्होंने सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं पहना है। हालांकि, उनका दावा है कि अकेले यात्रा करते समय उनका निजी वाहन सार्वजनिक स्थान नहीं है.