.

किसानों से मोदी सरकार की नहीं बनी बात, टिकैत ने किया ऐलान, आंदोलन रहेगा जारी

30 सितंबर को किसान संगठन ने घोषणा की थी कि हरिद्वार से निकले किसान महात्मा गांधी की 149वीं जयंती पर 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे।

News Nation Bureau
| Edited By :
02 Oct 2018, 06:23:56 PM (IST)

नई दिल्ली:

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 23 सितंबर को हरिद्वार से किसानों द्वारा निकाले गए 'किसान क्रांति पदयात्रा' के दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने के बाद मोदी सरकार ने किसानों से बात करने के लिए गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रस्तावित किया था लेकिन बात नहीं बन पाई। किसान अपनी सभी मांगे सरकार से मनवाना चाहते हैं जिसके लिए मोदी सरकार राजी नहीं हुई। इसके बाद किसानों के नेता नरेश टिकैत ने ऐलान कर दिया कि जब तक सभी मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं दूसरी तरफ जिस मंत्री शेखावत को किसानों से बात करने का जिम्मा दिया गया है उन्होंने इस आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया है।

किसानों की इस महारैली को देखते हुए कई इलाकों में धारा-144 लगा दी गई है.दिल्ली पुलिस ने उन्हें किसी तरह के आंदोलन की इजाज़त नहीं देते हुए दिल्ली को चारो तरफ से सील कर दिया है. बता दें कि किसान संगठन 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचकर राजघाट से संसद तक मार्च करने वाले हैं.

रैली में प्रदर्शन कर रहे किसानों की मुख्य मांगें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाना है. इसके तहत पूर्ण कर्जमाफी, बिजली के दरों को कम करना, 60 साल के ऊपर के सभी किसानों के लिए 5000 रुपये पेंशन का प्रावधान जैसी कई मांगे हैं. साथ ही गन्ने का बकाया भुगतान, जिन किसानों ने खुदकुशी की है उनके परिजनों को नौकरी और परिवार को पुनर्वास दिलाने की मांग उठाई गई है.

LIVE UPDATES:

सरकार के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं किसान, अगले एक घंटे में तय होगा कि धरना जारी रहेगा या खत्म होगा

नरेगा को खेती के साथ नही जोड़ा जाए, 6 लोगो की कमेटी बनाई गई है इस समस्या का समाधान होगा

सरकार की और से किसानो से बातचीत करने सरकार का प्रतिनिधि मंडल धरना स्थल पर पहुंचा

कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से मिलकर उनकी मांगों को लेकर बातचीत की। अधिकतर मुद्दों को लेकर एक समझौते पर पहुंचा गया। किसान नेता, यूपी के मंत्री लक्ष्मी नारायण जी, सुरेश राणा जी और मैं अब किसानों से मिलने जाएंगे।

राजनाथ सिंह के आवास पर चल रही मीटिंग समाप्त

केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत किसानों से मिलने के लिए जाएंगे : सूत्र

सरकार चाहती है कि किसान नेताओं से बात कर मामले को यूपी बॉर्डर के पास ही समाप्त किया जाए. अगर किसान दिल्ली में प्रवेश करते है तो सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है इसलिए राजनाथ सिंह लगातर किसान नेताओं से बातचीत कर रहे हैं.

# गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेता नरेश टिकैत से फोन पर बात की

सरकार ने किसान नेताओं की बात मान ली है, केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के मंत्री वहीं जाकर फैसले की जानकारी देंगे.

एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, पुलिस की कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए जिनमें एक प्रदर्शनकारी बेहोश हो गया. उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिसकर्मियों ने 'लाठीचार्ज' भी किया.

जेडीयू नेता के सी त्यागी ने कहा, राजघाट की ओर शांतिपूर्ण और बिना हथियार के किसानों के साथ बुरा व्यवहार किया गया. उन पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. हम उनका विरोध करते हैं.

Peaceful and unarmed farmers going towards Rajghat were brutally treated, they were lathi charged and teargas shells fired on them.We condemn this: KC Tyagi,JDU #KisanKrantiYatra pic.twitter.com/Lo8ogNe5jH

— ANI (@ANI) October 2, 2018

मेरठ से आए एक किसान हरमिक सिंह ने कहा, हम सरकार से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं. हम अपना अधिकार मांग रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसान बिजली की ऊंची दरों और आसमान छूती ईंधन की कीमतों के कारण संकट में हैं. उन्होंने कहा, 'आपको 500 रूपये का गैस ठीक लगता है क्या?'

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, यह इस बात की फिर से पुष्टि करता है कि मोदी सरकार किसान विरोधी है. किसानों को राहत देने के बदले वे किसानों को कर्ज के बोझ और आत्महत्या करने के लिए बाध्य कर इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं. हमने आजादी के बाद भारत में इस तरीके का कृषि संकट नहीं देखा था.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, महात्मा गांधी की जयंती पर मोदी सरकार ने दिखा दिया कि वह भारत में आजादी से पहले वाली ब्रिटिश हुकुमत से कम नहीं है. ब्रिटिश सरकार ने तब किसानों को बर्बाद किया था और आज मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है.

On birth anniversary of Mahatma Gandhi, Modi govt has shown that it is no different from the pre-independence British govt in India.British govt then used to exploit the farmers&today Modi govt is firing tear gas shells at farmers: Randeep Surjewala, Congress #KisanKrantiPadyatra pic.twitter.com/RHqrajwxeP

— ANI (@ANI) October 2, 2018

# यूपी सरकार के दो मंत्री सुरेश राणा और लक्ष्मीनारायण चौधरी भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर पहुंचे, किसानों का प्रतिनिधिमंडल पहले से ही अंदर हैं.

# उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, सरकार ने किसानों को किए गए वादों को पूरा नहीं किया, इसलिए यह स्वाभाविक है कि किसान प्रदर्शन करेंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है, हम पूरी तरह से किसानों के साथ हैं.

This Govt has not fulfilled the promises it made to farmers, so it is all but natural that farmers would protest. It is unfortunate and we fully support the farmers: Akhilesh Yadav on #Kisankrantiyatra pic.twitter.com/sWjCtl8hdu

— ANI UP (@ANINewsUP) October 2, 2018

# दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, किसानों को दिल्ली में अंदर आने की इजाजत देनी चाहिए, उन्हें क्यों नहीं अंदर आने दिया जा रहा है? यह गलत है. हम सब किसान हैं.

# दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस कर रही है पानी की बौछार, चलाए गए आंसू गैस के गोले

#WATCH Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during 'Kisan Kranti Padyatra'. Police use water cannons to disperse protesters after protesters broke the barricades pic.twitter.com/9KUwKgvrwW

— ANI (@ANI) October 2, 2018

कृषि मंत्री के साथ किसानों की बातचीत जारी, महामार्च को रोका गया

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा, 'जब रैली शांतिपूर्ण तरीके से बढ़ रही थी तो हमें यहां (यूपी-दिल्ली बॉर्डर) पर क्यों रोका गया? अगर हम अपनी समस्याओं को सरकार से नहीं बताएंगे तो किससे जाकर कहेंगे? क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं?'

Why have we been stopped here (at UP-Delhi border)? The rally was proceeding in a disciplined manner. If we don't tell our government about our problems then whom do we tell? Do we go to Pakistan or Bangladesh?: Naresh Tikait, President, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/J15xmWpZ9G

— ANI (@ANI) October 2, 2018

दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर इकट्ठा हुई किसान क्रांति पदयात्रा, पूर्ण कर्जमाफी की मांग

इससे पहले सोमवार को किसानों की यह पदयात्रा साहिबाबाद पहुंची थी जहां हजारों की संख्या में किसानों ने जीटी रोड को जाम कर दिल्ली की तरफ कूच करने के लिए तैयार था. हालांकि उन्हें पुलिस बल द्वारा रोक लिया गया था. 30 सितंबर को संगठन ने घोषणा की थी कि हरिद्वार से निकले किसान महात्मा गांधी की 149वीं जयंती पर 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे.

सोमवार को किसानों के साथ जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने एक घंटे तक किसानों से बातचीत कर समझाने की कोशिश की थी लेकिन वे दिल्ली जाने के फैसले को कायम रखा. देर रात किसानों का प्रतिनिधिमंडल पुलिस अधिकारियों के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर मुलाकात की.

हालांकि मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल के बीच करीब दो घंटे चली वार्ता विफल रही. किसानों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की मांग पर अड़े रहे जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत की.

और पढ़ें : पेट्रोल और डीजल के दामों में उछाल जारी, दिल्ली में 84 रु/लीटर के पास पहुंची कीमत