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केरल बाढ़: मुख्य रेलवे ट्रैकों पर आज से परिचालन शुरू, तिरुवनंतपुरम और केलीकट के बीच हवाई उड़ान भी बढ़ी

केरल के बाढ़ प्रभावित इलाक़े में NDRF (राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल) की 41 टीम तैनात की गई है।

News Nation Bureau
| Edited By :
21 Aug 2018, 08:38:06 PM (IST)

नई दिल्ली:

केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी घटने के बाद भारतीय रेलवे ने केरल से जुड़ने वाली सभी मुख्य रेलवे ट्रैक के मरम्मत का काम पूरा कर फिर से परिचालन शुरू कर दिया है। बता दें कि बाढ़ की वजह से दक्षिण रेलवे के तीनों भाग बुरी तरह से प्रभावित था। वहीं केरल के बाढ़ प्रभावित इलाक़े में NDRF (राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल) की 41 टीम तैनात की गई है। NDRF की टीम ने आज कोट्टयम और पथानामथिट्टा से कुल 122 लोगों को सुरक्षित निकाला है।

केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि बाढ़ के दौरान जब कोच्चि एरपोर्ट को बंद कर दिया गया था उस दौरान भी हमने तिरुवनंतपुरम और केलीकट के बीच हवाई उड़ान बढ़ा दी थी। हमलोग एक दूसरा एयरपोर्ट बनाने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं एक बंदरगाह (नौसेना का अड्डा) शुरु कर दिया गया है।

सुरेश प्रभु ने कहा, 'हमने DGCA (नगर विमानन महानिदेशालय) में एक 24 घंटे की हेल्पलाइन सुविधा शुरू की है। यात्री सभी तरह की शिकायतों के निपटारे के लिए सीधे DGCA से बात कर सकते हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'अगर कोई औद्योगिक और व्यापारिक संस्था केरल के बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद करना चाहता है तो उन्हें सीधे राज्य सरकार के माध्यम से जोड़ दिया जाएगा। हमने चावल उत्पादक और निर्यात संगठन से भी चावल भेजने की अपील की है जिसके बाद उन्होंने भी प्रक्रिया शुरू कर दी है।'

Industrial&trade orgs, philanthropists&those willing to help should be immediately contacted, money&material will be directly dispatched to state govt. Told rice manufacturers&exporters Assn to send rice&they've geared up. So everybody has been mobilised: S Prabhu #KeralaFloods pic.twitter.com/1udWBMMw4O

— ANI (@ANI) August 21, 2018

बता दें कि केरल में बरसात के थमने और बाढ़ प्रभावित कुछ इलाकों में पानी घटने के बाद अब लोग अपने घरों का रुख करने लगे हैं। इधर केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने 10 लाख से अधिक विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए तैयार भोजन और कुशल कर्मचारियों को भेजने की अपील की है। हालांकि बीते दो दिन से बरसात से कुछ राहत मिली है लेकिन बाढ़ प्रभावित एर्नाकुलम, त्रिशूर, पथनमथिट्टा, अलाफुझा और कोल्लम जिलों के कई इलाकों में पानी का स्तर कम नहीं हुआ है।

केरल में आठ अगस्त को बाढ़ आने के बाद से करीब 223 लोग जान गंवा चुके हैं। कई दशकों में आई यह सबसे भयंकर बाढ़ है जिसके कारण 20,000 करोड़ रूपए से अधिक का नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 2.12 लाख महिलाओं, 12 वर्ष से कम उम्र के एक लाख बच्चों समेत करीब 10.78 लाख लोगों को 3,200 राहत शिविरों में शरण दी गई है।

उन्होंने बताया कि अधिकांश स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बहाल हो गया है। राहत पहुंचाने वाली एजेंसियां, कई राज्यों की सरकारें और देशभर के लोग राहत आपूर्ति कर रहे हैं, ऐसे में केरल में बाढ़ से प्रभावित कई लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। जहां-जहां पानी उतरा है वहां घरों में बिजली का सामान और फर्नीचर खराब हो चुका है। एर्नाकुलम और त्रिशूर से सांप काटने की कई घटनाएं सामने आई हैं।

अल्फोंस ने ट्विटर पर लिखा, 'केरल में पानी उतरने के साथ ही लोग घरों को लौट रहे हैं, यह देख रहे हैं कि घरों का क्या कुछ बचा है। उन्हें रेडी टू ईट फूड की आवश्यकता है, उन्हें कपड़ों की जरूरत है। इसके अलावा इलेक्ट्रिशियन, नलसाज और कारपेंटर की पूरी सेना की जरूरत है।'

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उन्होंने कहा कि चिकित्सक, नर्सें उन गांवों में जा सकते हैं जहां बीमारियों के फैलने का खतरा है। इस बीच भारत के विभिन्न हिस्सों से कोचीन के हवाईअड्डे पर राहत सामग्री पहुंचना शुरू हो गई है।