केरल : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री में टकराव बढ़ने के आसार
सूत्रों ने खुलासा किया कि अभिभाषण में विजयन सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कड़े विरोध को शामिल किया गया है
नई दिल्ली:
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा राज्य सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करने के कदम पर अस्वीकृति दिखाने के बाद राज्यपाल के आगामी विधानसभा सत्र के दौरान अभिभाषण को लेकर टकराव होने के आसार नजर आ रहे हैं. बुधवार को विजयन कैबिनेट ने यहां बैठक की और 29 जनवरी को केरल विधानसभा में दिए जाने वाले राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दी. इसमें विवादास्पद सूट भी शामिल है, जिसे विजयन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है.
केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर राज्य सरकार द्वारा कानूनी कार्रवाई का सहारा लेने पर उन्हें सूचित नहीं करने को लेकर निंदा की. सूत्रों ने खुलासा किया कि अभिभाषण में विजयन सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कड़े विरोध को शामिल किया गया है और अब सभी की नजरें राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान पर टिकी हैं कि उनका रुख क्या होगा.
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सात बार के विधायक वरिष्ठ नेता पी.सी. जॉर्ज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि नियमों के अनुसार, राज्यपाल इसे सरकार को वापस भेज सकते हैं, लेकिन सरकार का निर्णय अंतिम है. जॉर्ज ने कहा, "राज्यपाल को इसे स्वीकार करना होगा और अगर राज्यपाल को आपत्ति है, तो वह पहले वाक्य को पढ़ सकते हैं और फिर से कह सकते हैं कि बाकी को पढ़ा माना जाए. राज्यपाल किसी भी विवादास्पद मुद्दे को छोड़ सकते हैं और बाकी को पढ़ सकते हैं."
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पहले भी सीएए को लेकर मोदी सरकार के पक्ष में बोल चुके हैं मोहम्मद आरिफ
आपको बता दें कि राज्यपाल मोहम्मद आरिफ ने नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए कहा था कि मोदी सरकार ने वही किया, जिसका कांग्रेस ने साल 1958 और 2003 में वादा किया था. केरल के गवर्नर ने कहा था, 'मोदी सरकार ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा देश के साथ किए गए वादे को पूरा किया है जो पाकिस्तान में बुरे हालात में जी रहे थे. इस कानून की नींव तो 1958 और 2003 में ही रखी गई थी. वर्तमान सरकार ने बस इसे कानून बनाया है.'