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करुणानिधि समाधि स्थल मामला: सुप्रीम कोर्ट का मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार, खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,' याचिकाकर्ता पहले कोर्ट के सामने कल सुबह से पहले एसएलपी फाइल करे उसके बाद इस मुद्दे पर सुनवाई होगी।'

News Nation Bureau
| Edited By :
08 Aug 2018, 03:59:29 PM (IST)

नई दिल्ली:

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के समाधि स्थल को लेकर चल रहा विवाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जहां अधिवक्ता ट्रैफिक रामसामी ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करने के लिए जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच के सामने याचिका दायर की। जस्टिस गोगोई की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पहले एसएलपी (विशेषाधिकार याचिका) फाइल करें, जिसके बाद कोर्ट उस पर सुनवाई करेगा।

उन्होंने कहा,' याचिकाकर्ता पहले कोर्ट के सामने कल सुबह से पहले एसएलपी फाइल करे उसके बाद इस मुद्दे पर सुनवाई होगी।'

गौरतलब है कि रामसामी ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी जिसमें डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच करने से रोक लगाने की मांग की जा रही थी।

इससे पहले मंगलवार रात को मरीना बीच समाधि बनाने पर प्रोटोकॉल को लेकर रोक लगा दी थी।

मंगलवार देर रात याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और चेन्नई निगम को अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामला बुधवार सुबह आठ बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था।

मरीना बीच में शवों को दफनाने को लेकर लंबित मामलों का हवाला देते हुए ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सरकार ने कहा था कि वह सरदार पटेल रोड पर गांधी मंडपम के पास दो एकड़ आवंटित करने के लिए तैयार हैं जहां राजभवन स्थित है।

वहीं डीएमके के वकील ने कहा, आपने (राज्य सरकार) ने राजकीय शोक की घोषणा की है, तो समाधि के लिए क्यों नहीं जमीन दिया जा रहा। केंद्र सरकार के प्रोटोकॉल में पूर्व मुख्यमंत्री के लिए जमीन देने पर कोई निषेध नहीं है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद यह पहली बार होगा कि मरीना बीच पर किसी पूर्व मुख्यमंत्री का समाधि स्थल बनेगा।