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कपिल सिब्बल SC में अंबानी का लड़ते हैं केस और बाहर करते हैं हमला, ट्रोल हुए कांग्रेस नेता

आरोपी अनिल अंबानी की कंपनी एरिक्सन इंडिया है. एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में बकाया पैसों के लिए अनिल अंबानी के खिलाफ केस किया है.

News Nation Bureau
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12 Feb 2019, 07:30:01 PM (IST)

नई दिल्ली:

कहते हैं नेताओं के दो रूप होते हैं, एक जनता को दिखाने के लिए और दूसरा जो उनका असली चेहरा होता है. शायद इसलिए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil sibbal) ट्रोल के शिकार हो गए हैं. दरअसल, राफेल डील (Rafale deal) को लेकर कांग्रेस अनिल अंबानी पर चौतरफा वार कर रही हैं, वहीं कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी (Anil Ambani) के लिए केस लड़ रहे हैं. मामला कोर्ट की अवमानना से जुड़ा है और इसमें आरोपी अनिल अंबानी की कंपनी एरिक्सन इंडिया है. एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में बकाया पैसों के लिए अनिल अंबानी के खिलाफ केस किया है. इस कंपनी का कहना है कि अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बकाया चुकाए बिना खुद को दिवालिया घोषित कर दिया जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है.

कपिल इसी केस की जिरह सुप्रीम कोर्ट में करते नजर आए. मंगलवार को कपिल सिब्बल ने कोर्ट में अनिल अंबानी का पक्ष रखा. कोर्ट में अनिल अंबानी खुद मौजूद थे. कोर्ट के भीतर कपिल सिब्बल अनिल अंबानी के लिए लड़ रहे थे.

वहीं कोर्ट के बाहर वो उनपर राफेल डील को लेकर हमला बोल रहे हैं. मंगवार के एक दिन पहले कपिल सिब्बल ने राफेल मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को लेकर अनिल अंबानी पर हमला किया. सिब्बल ने ट्वीट में लिखा, 'ऐसा लगता है कि एयरबस, फ्रांस सरकार और अनिल अंबानी सबको पता था कि प्रधानमंत्री 9-11 अप्रैल 2015 के बीच फ्रांस में एमओयू पर दस्तखत करने वाले हैं.'

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एक तरफ कोर्ट में अंबानी के लिए केस लड़ना और दूसरी तरफ कोर्ट के बाहर इस तरह के हमले को लेकर ट्विटर यूजर्स ने कपिल सिब्बल का मजाक उड़ाया है. एक यूजर ने लिखा है, 'जब अनिल अंबानी के वकील कपिल सिब्बल अनिल अंबानी पर हमले करते हों तो हमें उन पर भरोसा करना चाहिए.'

वहीं एक यूजर ने राहुल गांधी से पूछा है कि एक तरफ आप अनिल अंबानी पर हमले करते हैं तो दूसरी ओर आपके शीर्ष वकील उन्हें डिफेंड करते हैं. क्या आप बहुत बड़े पाखंडी नहीं हैं? चाहे जैसे भी हो, पैसा बनना चाहिए. आपकी गंदी चाल ऐसा करती है लेकिन एक परिवार की सत्ता दशकों से ऐसा करती आई है और वह है लोकतंत्र की हत्या.