सरकार की निष्क्रियता की शिकायत सुनकर थक चुका हूं : कमल हासन
अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने कहा कि वह सरकार की निष्क्रियता के बारे में शिकायत सुन-सुन कर थक चुके हैं और शासन नीति में बदलाव लाना चाहते हैं।
नई दिल्ली:
अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने कहा कि वह सरकार की निष्क्रियता के बारे में शिकायत सुन-सुन कर थक चुके हैं और शासन नीति में बदलाव लाना चाहते हैं।
हासन ने रविवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की वार्षिक भारतीय सम्मेलन में अपने मुख्य संबोधन में कहा, '21 फरवरी 2018 को मैंने अपना राजनीतिक सफर की घोषणा करूंगा। मैंने तमिलनाडु के सभी जिलों के एक गांव को गोद लेने की योजना की घोषणा की, ताकि पहले उसे भारत और बाद में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गांव बना सकूं।'
उन्होंने कहा, 'देश और मेरे राज्य के लिए यह एक नमूना होगा। यह गांव शिक्षा, कौशल व स्वास्थ्य का उच्च स्तर, आर्थिक, पारिस्थितिकी, समाजशास्त्रीय, तकनीक में उच्च होने की इच्छा के साथ योजना के जरिए बनाए जाएंगे। यह सभी एक स्वस्थ समाज के लिए महत्वपूर्ण चीजें हैं .. मेरा ढृढ़ता से मानना है कि एक सशक्त तमिलनाडु एक मजबूत भारत के लिए शुभ संकेत होगा।'
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अभिनेता ने यह भी कहा कि वह अभ्यासिक हैं और पहले कदम के साथ अपना सफर शुरू करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, 'इसलिए, पहले कदम के रूप में हम एक गांव को लेंगे और उसकी बेहतरी के लिए फिर कल्पना करेंगे। बाद में, हम इसे राज्य भर में लागू करेंगे। जरा हमारे गांवों में दोबारा से कल्पना कीजिए, जरा हमारे समाज के बारे में दोबारा से कल्पना किजिए और तामिलनाडु व भारत की भावी पीढ़ी पर उसके अंतिम प्रभाव के लिए छोड़ दीजिए।'
अपने राजनीतिक कदम के साथ वह पैसों से कुछ ज्यादा मूल्यवान की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'उत्कृष्टता की खोज में आपके विचार, कल्पना और बुद्धि हमारे गांवों की दोबारा से कल्पना, आपका समय और सहभागिता मददगार है। मेरा राजनीतिक अभियान हार्वर्ड में अपने तमिल महिला और पुरुषों के साथ एक मस्तिष्क विश्वास बनाने की आकांक्षा के साथ यहां से शुरू होता है।'
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