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छात्रों की अनिवार्य उपस्थिति पर JNU में हंगामा, स्टाफ को बनाया 'बंधक'

गुरुवार देर रात छात्रों ने प्रशासनिक बिल्डिंग को घेर लिया और छात्रों ने कथित तौर पर जेएनयू प्रशासन के स्टाफ को कैद कर लिया।

News Nation Bureau
| Edited By :
16 Feb 2018, 12:30:26 AM (IST)

नई दिल्ली:

जवाहर लाल यूनिवर्सिटी एक बार फिर छात्रों के प्रदर्शन को लेकर चर्चा में है।

गुरुवार देर रात छात्रों ने प्रशासनिक बिल्डिंग को घेर लिया और कथित तौर पर छात्रों ने जेएनयू प्रशासन के स्टाफ को कैद कर लिया। छात्र हाल ही में लागू किए गए अनिवार्य उपस्थिति (कंपलसरी अटेंडेंस) के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की छात्र नेता गीता ने बताया, 'हमारी मांग थी कि हम जेएनयू वीसी से मिले। हम सुबह से उनका इंतजार कर रहे हैं। हमने कोई गेट ब्लॉक नहीं किया है। हम सिर्फ उनका (वीसी) इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते है कि अनिवार्य उपस्थिति का सर्कुलर वापस लिया जाए और एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग बुलाई जाए।'

इससे पहले जेएनयू के वीसी डा. एम जगदेश कुमार ने ट्विट कर कहा, 'जेएनयूएसयू के नेतृत्व में छात्रों ने जेएनयू एडमिन बिल्डिंग में वरिष्ठ अधिकारियों को सुबह 11 बजे से घेर रखा है। जब उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की तो छात्रों ने नारेबाजी करते हुए घेर लिया और बाहर नहीं जाने दिया। छात्रों के ऐसे व्यवहार की निंदा नहीं की जानी चाहिए?'

आपको बता दें कि जेएनयूएसयू (जेएनयू छात्र संघ) ने 15 जनवरी से हड़ताल का आह्वान कर रखा है।

This morning both rectors met the agitating students and promised them to arrange a meeting provided they do not continue to violate the HC order and go back to their classes. It fell on deaf years and you see how they behave. pic.twitter.com/6oz0S5ZDyA

— M. Jagadesh Kumar (@mamidala90) February 15, 2018

रजिस्ट्रार के पत्र में कहा गया है, 'इस वजह से पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड (पुरुष व महिला) की तैनाती करने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी विद्यार्थी या प्राध्यापक के प्रवेश को हड़तालियों द्वारा जबर्दस्ती नहीं रोका जाए। सामान्य पोशाक में भी कुछ गार्डो की तैनाती का निर्देश दिया गया है और कुछ भी उपद्रव होने पर उसकी वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया गया है।'

छात्र, प्रशासन के परीक्षा की योग्यता के लिए 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता के आदेश के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। छात्र इस आदेश को जेएनयू की संस्कृति के खिलाफ बताते हुए इसका पालन करने से इनकार कर रहे हैं।

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