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जेपी एसोसिएट्स को SC ने दिया 2000 करोड़ रु जमा करने का आदेश, MD के देश छोड़ने पर लगाई रोक

जेपी इंफ्रा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बदलाव किया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में जारी कानूनी कार्रवाइयों पर रोक लगाते हुए मामला इंसोल्वेंसी रिज्युलेशन प्रोफेशनल (आईआरपी) को सौंप दिया है।

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Sep 2017, 05:33:22 PM (IST)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जेपी एसोसिएट्स को उसकी सहयोगी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ चल रही दिवालियापन की कार्रवाई को देखते हुए न्यायालय के रजिस्ट्रार के पास 2,000 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए. एम. खानविलकर और न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा है कि यह रकम 27 अक्टूबर तक जमा करानी होगी।

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खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई का दिन 13 नवंबर निर्धारित करते हुए कहा कि अगर इस रकम को जुटाने के लिए जेपी एसोसिएट्स अपनी किसी संपत्ति को बेचना चाहती है, तो इससे पहले उसे अदालत की अनुमति लेनी होगी।

इसके साथ खंडपीठ ने कंपनी के प्रबंध निदेशक और सभी निदेशकों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि इनमें वो सभी लोग शामिल है जो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की इलाहाबाद खंडपीठ द्वारा दिए गए 9 अगस्त को दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के समय कंपनी के निदेशक थे।

निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यहाँ तक कहा, 'कंपनी चाहे बंगाल की खाड़ी में डूबे या अरब सागर में। निवेशकों के हित सुरक्षित रहने चाहिए।'

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