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जम्मू-कश्मीर: बकरीद के मौके पर आतंकी हमलों के बीच कई जगह भारी हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने लहराए पाक और IS के झंडे

बकरीद के मौके पर जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक ईदगाह के बाह आतंकियों के एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी।

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Aug 2018, 11:37:36 AM (IST)

श्रीनगर:

बकरीद के मौके पर जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक ईदगाह के बाहर आतंकियों के एक पुलिसकर्मी की हत्या के बाद राजधानी श्रीनगर समेत कई इलाकों में हिंसा शुरू हो गई है। श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों और उनकी गाड़ियों को निशाना बनाकर उनपर हमला कर दिया। अलग-अलग जगह शुरू हो गए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को घटना स्थल पर भेजा जा रहा है। 

वहीं दूसरी तरफ बिजबेहरा के हसनपुरा में अज्ञात आतंकियों ने सीआरपीएफ के 30 वीं बटालियन मुख्यालय के सामने गोलीबारी की। सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवान ने जवाब जवाबी फायरिंग शुरू की तो आतंकी वहां से भाग निकले।

#Visuals from Zazripora in Kulgam where terrorists have shot dead a police personnel outside an eidgah. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/2H4CIxRrU3

— ANI (@ANI) August 22, 2018

प्रदर्शन कर रहे लोग सड़कों पर आकर न सिर्फ नारेबाजी कर रहे हैं बल्कि सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ आतंकी संगठन ISIS के औऱ पाकिस्तान के झंडे भी लहरा रहे है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी भी शुरू कर दी है।

अनंतनाग में सुरक्षाकर्मियों को पर पत्थबाजी

#WATCH: Protesters pelt stones on a police vehicle & attack it with sticks as protests erupt in Anantnag. #JammuAndKashmir. pic.twitter.com/N5rC0Uw8qD

— ANI (@ANI) August 22, 2018

अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों की गाड़ी को घेरकर उस पर हमला करने की कोशिश की है। 


मई के शुरुआती महीने में पत्थरबाजी के दौरान पत्थर लगन से तमिलनाडु के रहने वाले एक पर्यटक की मौत हो गई थी। कुछ दिन पहले ही बेंगलूरु के एक जज जो छुट्टी मनाना जम्मू-कश्मीर गए थे उन्हें भी पत्थरबाजी के दौरान पत्थर लग गया था। शोपियां में पत्थरबाजों ने स्कूल बस तक नहीं छोड़ा था और उन्हें भी निशाना बनाया था।

बीते दिनों पत्थरबाजी को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे जम्मू-कश्मीर के लिए चिंता का विषय बताया था।

उन्होंने कहा था कि सिर्फ सशस्त्र बलों को आतंकवादियों के साथ कठोर होने के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है और राज्य में शांति बहाल करने के लिए हमें पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पड़ेगा।