आईएनएक्स मामला: मद्रास हाईकोर्ट से कार्ति चिदंबरम को नहीं मिली राहत, कहा- दिल्ली हाईकोर्ट जाएं
मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्ति चिंदबरम को कहा है कि उन्हें इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए।
नई दिल्ली:
मद्रास हाईकोर्ट ने यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मामले में कोई राहत नहीं दी है। मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्ति चिंदबरम को कहा है कि उन्हें इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए।
बता दें कि कार्ति चिंदबरम पर आईएनएक्स मामले में दर्ज मुकदमा दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में चल रहा है। इसलिए मद्रास हाईकोर्ट में उन्हें राहत पाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया है।
कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मामले में सीबीआई द्वारा उन पर लगाएग गए मुकदमे और जारी किए गए समन को रद्द करने की गुहार की थी। कार्ति की इस याचिका पर की वैधता पर मद्रास हाई कोर्ट ने बीते बुधवार की वैधता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इसके बाद मंगलवार को अपने फैसले में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका सुनी जा सकती है लेकिन उन्हें इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट का ही रुख करना चाहिए।
क्या है आईएनएक्स डील मामला?
कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि साल 2007 में उन्होंने पीटर और इंद्राणी मुखर्जी की आईएनएक्स मीडिया कंपनी में अपने पिता की पोज़ीशन का फायदा उठाते हुए गलत तरीके से एफडीआई को मंजूरी दिलवाई थी और इसके बदले रिश्वत भी ली थी।
ध्यान देने की बात यह है कि इस समय पी चिंदबरम वित्त मंत्री थे। इसके बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया और बीती मई को सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम, पीटर और शीना मुखर्जी के दिल्ली, मुंबई और चेन्नई समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
कार्ति पर दर्ज एफआईआर में आरोप है कि एफडीआई आवेदन में कई कमियां थी, लेकिन क्योंकि उनके पिता वित्त मंत्री थे जिसकी वजह से उनकी हैसियत का फायदा उठाया गया है।
कार्ति चिदंबरम अपने खिलाफ दर्ज केस के बाद सीबीआई के समनों के बावजूद वो पेश नहीं हुए थे। हालांकि उन्होंने सीबीआई से और समय दिए जाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
लुकआउट नोटिस मामला: कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से झटका, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
बाद में कार्ति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। इसके खिलाफ कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया जहां उन्हें राहत नहीं मिली थी और सुप्रीम कोर्ट ने लुकआउट नोटिस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।