अब बिना पुरुष के भारतीय मुस्लिम महिलाएं जा सकेंगी हज करने
अब भारत की मुस्लिम महिलाओं को बिना ‘मेहरम’ यानि किसी पुरुष रिश्तेदार के हज यात्रा करने की अनुमति होगी।
नई दिल्ली:
अब भारत की मुस्लिम महिलाओं को बिना ‘मेहरम’ यानि किसी पुरुष रिश्तेदार के हज यात्रा करने की अनुमति होगी। इस बात की जानकारी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी है।
मक्का में सोमवार को नकवी व सऊदी अरब के हज एवं उम्रा मंत्री डॉ. मुहम्मद बेन्तेन के बीच मुलाकात हुई। इस मुलाकात में हज 2018 के सम्बन्ध में द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।
नक़वी ने एक ट्वीट में बताया कि सउदी अरब समंदर के रास्ते हज करने के विकल्प की बहाली के भारत के फ़ैसले पर सहमत हो गया है। दोनों देशों के अधिकारी इस मामले में तमाम औपचारिकताओं पर चर्चा करने के लिए बैठक करेंगे ताकि ये सुविधा आने वाले सालों में फिर शुरु की जा सके। समंदर मार्ग से हज यात्रा करना काफी सस्ता होगा।
पहले मुंबई से जेद्दाह हज के लिए समंदर मार्ग से जाते थे जो सुविधा 1995 में बंद कर दी गई थी।
Sending Haj pilgrims through ships will help cut down travel expenses significantly. It will be a "revolutionary, pro-poor, pilgrim-friendly" decision. The practice of ferrying Haj pilgrims between Mumbai & Jeddah by waterways was stopped from 1995. pic.twitter.com/WbD3P8Ik9T
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) January 8, 2018भारत सरकार ने इस शर्त को हटाया कि हज के लिए जाने वाली महिलाओं के साथ पुरुष का होना आवश्यक है। इसके साथ सरकार ने दो शर्तें जरूर रखी पहली कि हज जाने वाली महिला के ग्रुप में कम से कम चार महिलाएं जरूर हों और दूसरी की समूह में शामिल सभी महिलाएं 45 वर्ष की हो।