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LAC से चीनी टैंकों की हटने की प्रकिया शुरू, Video में देखें ये सबूत

LAC से चीनी टैंकों की हटने की प्रकिया शुरू, Video में देखें ये सबूत

News Nation Bureau
| Edited By :
11 Feb 2021, 05:03:11 PM (IST)

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले साल मई-जून से भारत और चीन सेना के बीच जारी तनाव अब थम गया है. सैन्य कमांडर स्तर पर 9 दौर की बातचीत हुई, जिसमें दोनों देशों के सैनिकों के हटने पर सहमति बन गई. इसके बाद पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तर तट से भारतीय सैनिक (Indian Army) और चीनी सैनिक (China Army) पीछे हट रहे हैं. इसे लेकर भारतीय सेना ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि एलएसी से भारत और चीन के टैंक पीछे हट रहे हैं.  

आपको बता दें कि चाइना मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल डिफेंस ने बुधवार को दावा किया था कि सैन्य कमांडर स्तर पर 9वें दौर की वार्ता के बाद बनी सहमित पर अमल शुरू हो गया है. पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तर तट से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हटने शुरू हो गए हैं. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा था कि सैन्य वार्ता में बुधवार को बनी सहमति के बाद चीन और भारतीय सेना के जवान दक्षिण और उत्तरी पैंगोंग त्सो झील से वापस लौटना शुरू कर दिया. 

पैंगोंग लेक से अब उल्टे पैर भाग रही चीनी सेना : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 

चीन के साथ एलएसी पर जारी तनातनी के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि एलएलसी पर दोनों देशों के बीच पहले के मुकाबले स्थिति बदली हुई है. चीन की सेना एलएसी से पीछे हटेगी. सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों के हल की वार्ता चल रही है. उन्होंने आगे बताया कि जब पैंगोंग में हिंसक झड़प हुई तब से 9 बार सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है. पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है. सीमा पर बुधवार से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 

पैंगोंग में पुरानी स्थिति होगी बहाल

राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि एलएसी पर डिसइंजेगमेंट की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाएगा. चीन से एलएसी से पीछे हटने के लिए कहा गया है. दोनों देशों के बीच समझौता किया गया है, जिसे दोनों पक्ष मजबूती के साथ पालन करेंगे. राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि हमारी सरकार यह साफ कर देना चाहती है कि हम एक इंच भी जमीन किसी को नहीं देंगे. सीमा पर उपजे तनाव का असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ता है, इसलिए दोनों देशों के सैनिकों का पीछे हटना बेहद जरूरी है.