जम्मू-कश्मीर में सेना का बड़ा फैसला, आतंकियों के शव परिवार को नहीं सौंपे जाएंगे, जनाजे में भीड़ को रोकने की तैयारी
भारतीय सेना ऑपरेशन में मारे गए इन आतंकियों के शव को खुद रहस्यमयी स्थानों पर दफना देगी। बता दें कि सेना का यह फैसला आतंकियों के अंतिम संस्कार में स्थानीय व्यक्तियों का बड़ी संख्या में शामिल होना है।
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ती आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ भारतीय सेना और अधिक कड़े कदम उठाने जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेना अब मारे गए आतंकियों के शव को खुद दफनाएगी। घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा या आईएसआईएस समूहों के मारे गए आतंकियों के शव को उसके परिवार को नहीं दिया जाएगा।
भारतीय सेना ऑपरेशन में मारे गए इन आतंकियों के शव को खुद रहस्यमयी स्थानों पर दफना देगी।
बता दें कि सेना का यह फैसला आतंकियों के जनाजे में स्थानीय व्यक्तियों के बड़ी संख्या में शामिल होने कारण लिया गया है।
आतंकियों के अंतिम संस्कार आतंकी संगठनों के कमांडरों के द्वारा उत्तेजक भाषण दिया जाता है जिससे घाटी के युवा बहुत हद तक उनसे प्रभावित होते हैं।
कई बार आतंकियों के जनाजे में इकट्ठा होने वाली बड़ी भीड़ का वीडियो सामने आता रहा है जिसमें युवा पाकिस्तानी झंडों के साथ कथित तौर पर आतंकियों के समर्थन में नारे लगाते देखे जाते हैं।
गौरतलब है कि हाल में एक महीने के अंतराल के बाद फिर से ऑपरेशन 'ऑलआउट' शुरू किया है। शुक्रवार को ऑपरेशन ऑलआउट के तहत सेना ने अनंतनाग में एक आतंकी को मार गिराया था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट पार्ट-2 के तहत घाटी में अपनी गतिविधि चला रहे 300 आतंकियों को खत्म करने का लक्ष्य है।
इन 300 आतंकियों में से 10 आतंकी सुरक्षा बलों के हिट लिस्ट में हैं। ये खतरनाक आतंकी हैं और लंबे समय से वांटेड की सूची में हैं।
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