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आयकर विभाग भेज रहा है ज्वैलरों को नोटिस, जानें पूरा मामला

नोटबंदी के तुरंत बाद बैंकों में बहुत ज्यादा नकदी जमा करने वाले ज्वैलरों को आयकर विभाग अब नोटिस भेज रही है. देश भर के बड़े ज्वैलरों में आयकर विभाग की तरफ से मिले डिमांड नोटिस को लेकर खलबली मची हुई है.

News Nation Bureau
| Edited By :
05 Jan 2020, 09:58:27 AM (IST)

लखनऊ:

नोटबंदी के तुरंत बाद बैंकों में बहुत ज्यादा नकदी जमा करने वाले ज्वैलरों को आयकर विभाग अब नोटिस भेज रही है. देश भर के बड़े ज्वैलरों में आयकर विभाग की तरफ से मिले डिमांड नोटिस को लेकर खलबली मची हुई है. नोटबंदी के दौरान ज्वैलरों की तरफ से जमा नकदी के आकलन के बाद आयकर विभाग ने उन सराफा कारोबारियों को टैक्स डिमांड के नोटिस भेजे हैं. जिनकी नोटबंदी से कुछ समय पहले, उसके दौरान और बाद में बिक्री में तारतम्यता नहीं दिखी है. सराफा उद्योग इस मामले को लेकर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की योजना बना रहा है.

आयकर विभाग का आरोप है कि नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद ज्वैलरों ने बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा की है. विभाग ने बीते दो सालों में ज्वैलरों के खातों का आकलन किया है. कई खातों में नोटबंदी के बाद भारी मात्रा में नकदी जमा की गई. इसी का आकलन कर इन सराफा व्यापारियों को नोटिस भेजा गया है. आयकर विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिस से पूरे उद्योग जगत में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में लोगों का मानना है कि कुछ मामलों में तो डिमांड नोटिस इतनी है कि उसका भुगतान कर पाना भी असंभव है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देशभर में करीब 3 लाख ज्वैलर हैं. इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को नोटिस मिला है. करीब ढाई हजार कारोबारियों को नोटिस मिला है. दिल्ली बुलियन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके गोयल चांदीवाला का कहना है कि दिल्ली में यह संख्या बहुत ज्यादा है.

गोयल का कहना है कि सराफा कारोबारियों को मिले नोटिस केवल नोटबंदी की अवधि तक सीमित नहीं है. कई मामलों में तो इसके पहले के वर्षों की डिमांड निकाल कर नोटिस भेजे गए हैं. उनका कहना है कि कई मामलों में तो 2011-12 और 2013-14 में किए गए कारोबार को लेकर भी नोटिस मिला है.

क्या है मामला

अधिकारियों के मुताबिक नोटबंदी के दौरान ज्वैलरों ने पुरानी करेंसी में बड़ी मात्रा में व्यापार किया था. कई मामलों में बिना बिक्री दिखाने के मामले में भी ज्वैलरों ने बिना KYC वाले खुदरा सराफा कारोबारियों से बिक्री दिखाई है.