IMF ने पाकिस्तान से कहा चीन के कर्ज में डूबोगे तो निकलोगे कैसे?
पाकिस्तान में चीन के बढ़ते इंवेस्टमेंट पर आईएमएफ यानि की इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि चीन के बढ़ते निवेश से डूब सकता है पाकिस्तान
नई दिल्ली:
पाकिस्तान में चीन के बढ़ते इंवेस्टमेंट पर आईएमएफ यानि की इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि चीन के बढ़ते निवेश से डूब सकता है पाकिस्तान। आईएमएफ ने चीन और पाकिस्तान के बीच बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान के इकोनॉमी पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर उसका मूल्यांकन किया है। आईएमएफ के मुताबिक शुरुआती फेज में एफडीआई और एक्सटर्नल फंड दोनों बढ़ेगा लेकिन इससे पाकिस्तान का करेंट अकाउंट घाटा भी बढ़ने की आशंका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चाइना-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ा इंपोर्ट 2020 तक करीब 11 फीसदी तक पहुंच जाएगा।यह करीब 5.7 अरब डॉलर के बराबर होगा, लेकिन देश में इन्फलो उस साल की अनुमानित जीडीपी का करीब 2.2 फीसदी होगा।
चीन पर पाकिस्तान की निर्भरता बढ़ती जाएगी और उसकी वजह से पाकिस्तान की जरूरतें 60 फीसदी तक बढ़ जाएंगी। चीन के निवेश से पाकिस्तान में शुरुआत में करीब 27.8 अरब डॉलर आएंगे जबकि बाकी रकम साल 2030 तक निवेश की जाएगी।
आईएमएफ के रिपोर्ट के मुताबिक जब चीनी कंपनियां अपने निवेश का फायदा लेना शुरु करेंगी तो तेजी से पैसा पाकिस्तान की तिजोरी से बाहर जाने लगेंगे और तब पाकिस्तान चाह कर भी इसे नहीं रोक पाएगा। इससे आउटफ्लो बढ़ेगा और उसक साथ ही ऑब्लिगेशंस भी बढ़ते जाएंगे।
यह ऑब्लिगेशंस चीनी बैंकों से लिए गए लोन पर ज्यादा बढ़ेगा। आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक साल 2021 तक पाकिस्तान पर चीन का कर्जा बेतहाशा बढ़ जाएगा जिससे हर साल पाकिस्तान की जीडीपी का 0.4 फीसदी हो जाएगा जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ी समस्या बना जाएगा। आईएमएफ ने कहा है कि पाकिस्तान में एक्सट्रा ग्रोथ का कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है।