.

बिहार में CAA, NRC और NPR वर्तमान स्वरूप में लागू होने पर इसका विरोध करूंगा : PK

जिस दिन बिहार में पहले व्यक्ति को सीएए के तहत नागरिकता मिलेगी, मैं मान लूंगा कि कानून यहां लागू हो गया. उससे पहले सीएए पर विवाद का कोई मायने नहीं है.

News Nation Bureau
| Edited By :
18 Feb 2020, 08:39:48 PM (IST)

नई दिल्ली:

जदयू से निष्कासित पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि बिहार में अगर सीएए, एनआरसी और एनपीआर वर्तमान स्वरूप में लागू होगा तो इसका विरोध करेंगे. पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, बिहार में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं होगा. मैं शुक्रगुजार हूं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यह बात कही है. उन्होंने जो कहा है वह उस पर कायम रहेंगे और बिहार में एनआरसी नहीं लागू होगा. एनपीआर में नए प्रावधानों को लेकर उन्होंने और रामविलास पासवान सहित कई अन्य लोगों ने कहा है कि उन्हें यह स्वीकार्य नहीं है. मैं इसका स्वागत करता हूं.

उन्होंने कहा, जहां तक सीएए का सवाल है, मुख्यमंत्री ने कहा है कि अदालत का फैसला आने दें. जिस दिन बिहार में पहले व्यक्ति को सीएए के तहत नागरिकता मिलेगी, मैं मान लूंगा कि कानून यहां लागू हो गया. उससे पहले सीएए पर विवाद का कोई मायने नहीं है. मेरी निजी राय स्पष्ट है कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर वर्तमान स्वरूप में लागू नहीं होगा और अगर लागू हुआ तो उसके विरोध में हम राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर खड़े रहेंगे. किशोर ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सीएए और एनआरसी के विरोध में डटकर खड़ी है. किशोर को भाजपा नेता अमित शाह के कहने पर जदयू में शामिल किया गया था.

नीतीश कुमार के इस बयान के संबंध में सवाल करने पर किशोर ने कहा, उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया है, मैं नहीं जानता. मैं इस पर कोई टिप्पणी या विवाद नहीं चाहता. वह मुझे अपना बेटा कहते हैं और 70 साल की उम्र में पार्टी से मेरे निष्कासन को न्यायोचित ठहराने के लिए अगर उन्हें झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है तो लेने दें. पिता तुल्य होने के नाते मैं उन्हें इसकी छूट देता हूं. उन्हें यह खुशी तोहफे में देता हूं कि मुझे अमित शाह के कहने पर ही पार्टी में जगह दी गई थी.

यह भी पढ़ें-Shaeen Bagh Protest: सुप्रीम कोर्ट का पैनल बुधवार को प्रदर्शनकारियों से करेगा मुलाकात

भाजपा के साथ काम करने के बाद उससे अलग होने के संबंध में सवालों पर किशोर ने कहा, दुनिया जानती है कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम किया है लेकिन मैं किसी का एजेंट नहीं हूं. इसके लिए मुझे किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, मैंने 2014 में भाजपा के साथ काम किया. जिस संस्था आईपैक के साथ अब काम कर रहा हूं वह 2015 में बनी. तब से अब तक हमेशा हमने गैर भाजपा दलों के लिए काम किया है. यह पूछने पर कि उन्हें धन के बदले काम करने वाला व्यावसायी कहा जाता है, किशोर ने कहा कि 2015 से अभी तक कोई दिखा दे कि प्रशांत किशोर ने किसी भी पार्टी के काम के लिए एक रुपया भी लिया है.

यह भी पढ़ें-ED और CBI की जांच का सामना कर रहे कार्ति चिदंबरम को ब्रिटेन, फ्रांस जाने की अनुमति मिली

जदयू में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, नीतीश से हमारा कौन सा झगड़ा है कि मिलने की बात कर रहे हैं. उनका घर मेरा ही घर है. हमसे आप जब भी मिले हैं तो नीतीश जी के घर पर ही मिले हैं. हमारा तो घर ही है तो घर वापसी की क्या बात है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जेड श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की चर्चा के बारे में प्रशांत ने उन्हें सुरक्षा की जरूरत नहीं बताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से इस बारे में उन्हें अब तक सूचित नहीं किया गया इसलिए उस पर टिप्पणी करना उचित नहीं.