उत्तर प्रदेश सीएम की दौड़ में गृहमंत्री राजनाथ सिंह सबसे आगे, 16 मार्च को होगा अंतिम फैसला
राजनाथ सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को केंद्र की सत्ता में लेकर आए। इसके अलावा वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पंडितों के गणित को गलत साबित करते हुए बीजेपी तीन-चौथाई से भी ज्यादा सीटें लेकर सरकार बनाने की स्थिति में है। लेकिन पार्टी के सामने सवाल इस समय राज्य का मुख्यमंत्री चुनने का है। गोवा में केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर को राज्य की राजनीति में वापस भेजने के बाद अब गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार की बागडोर देने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने पर चर्चा चल रही है। लेकिन अभी तक इस संबंध में अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। इसके अलावा पार्टी केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। पार्टी गुरुवार तक इस संबंध में फैसला लेगी।
इन सभी नामों मे गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना अधिक नज़र आ रही है।
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सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें इसके संकेत दिये हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की कमान दी जा सकती है। लेकिन राजनाथ सिंह ने अभी पार्टी को जवाब नहीं दिया है। इसके लिये उन्होंने पार्टी नेतृत्व से समय मांगा है।
इन सभी संभावित नामों को लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से भी संपर्क में हैं। बीजेपी के ज्यादातर बड़े राजनीतिक फैसलों में नागपुर की भूमिका होती है।
राजनाथ सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को केंद्र की सत्ता में लेकर आए। इसके अलावा वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें राज्य की राजनीति और वहां के प्रशासन का अनुभव भी है। साथ ही राजनाथ को लेकर राज्य के नेताओं में किसी तरह का विवाद भी नहीं होगा।
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प्रधानमंत्री मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उत्तर प्रदेश में मिले जनमत को देखते हुए कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते ऐसे में राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं ज्यादा हैं। राज्य में प्रशासन की कमान राजनाथ सिंह जैसे अनुभवी नेता को देने पर विचार चल रहा है।
इधर बीजेपी केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के नाम पर भी विचार कर रही है। मनोज सिन्हा पूर्वांचल से आते हैं उनकी छवि भी साफ है।
उत्तर प्रदेश में जिस तरह के चुनाव परिणाम आए हैं उसको देखते हुए केशव प्रसाद मौर्य के नाम को लेकर भी बीजेपी में मंथन चल रहा है। जिस तरह नब्बे के दशक में मंडल कमीशन के दौर में कल्याण सिंह बीजेपी की पिछड़ी जाति के चेहरा थे वैसे ही पार्टी केशव प्रसाद मौर्य को भी देख रही है। उन्होंने गैर यादव पिछड़ी जाति के वोट को बीजेपी की तरफ लाने में कामयाब रहे।
मनोज सिन्हा और केशव प्रसाद मौर्य की तुलना में राजनाथ सिंह का पलड़ा ज्यादा भारी लग रहा है। संघ की तरफ से भी उनके नाम पर किसी तरह की आपत्ति आने की संभावना नहीं है।
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इसके साथ ही केंद्र सरकार में दूसरे नंबर पर माने जा रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह को प्रधानमंत्री मोदी के काम करने का भी तरीका भी पता है। जिससे राज्य में चुनावी घोषणा पत्र में किये गए वायदों को जल्द पूरा किया जा सके और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरा जा सके। क्योंकि पार्टी ने राज्य में मोदी सरकार के काम के नाम पर ही चुनाव लड़ा है। ऐसे में राजनाथ सिंह के अनुभव को पार्टी राज्य में इस्तेमाल कर 2019 के आम चुनाव में केंद्र का रास्ता सुनिश्चित करना चाहती है।
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