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भारत के लोगों में डवलप हुई हर्ड इम्युनिटी, कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा कोरोना

देश लगातार कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic)से उभर रहा है. जिसके चलते सरकार ने धीरे-धीरे सभी राज्यों से प्रतिबंद हटा दिया गया है. हालाकि महाराष्ट्र में 26 अक्टूबर 12 मौत कोरोना के चलते हो गई थी.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Nov 2021, 08:01:04 PM (IST)

highlights

  • यदि दिसंबर तक कोरोना केसों में नहीं हुआ इजाफा तो फिर डरने डरने की नहीं जरुरत 
  • एक्सपर्ट बोले यदी नहीं बढ़े मरीज तो कोरोना स्थानिक यानी एंडेमिक में हो चुका तब्दील
  • इम्युनिटी के बाद भी नये वेरिएंट पर रखनी होगी नजर 

नई दिल्ली :

देश लगातार कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic)से उभर रहा है. जिसके चलते सरकार ने धीरे-धीरे सभी राज्यों से प्रतिबंद हटा दिया गया है. हालाकि महाराष्ट्र में 26 अक्टूबर 12 मौत कोरोना के चलते हो गई थी. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए थे. एक्सपर्ट डॅाक्टर्स का मानना है कि यदि दिसंबर तक केसों में बढ़ोत्तरी नहीं दर्ज की गई तो देश के लोगों में हर्ड इम्युनिटी डवलप होने का अंदाजा लगाया जा सकता है. यानि फिर कोरोना से ज्यादा डरने की जरुरत नहीं है. क्योंकि दिसंबर तक महामारी के मामलों में तेजी नहीं आती तो इसका मतलब कोरोना स्थानिक यानी एंडेमिक में तब्दील हो चुका है. 

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वायरस के साथ जीना सीखना होगा 
खबरों के मुताबिग एक्सपर्ट डॉ. सूपे ने तीसरी लहर की आशंका पर कहा है कि राज्य में दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद मामलों में कुछ वृद्धि दर्ज की गई थी. लेकिन अब अब ऐसी स्थिति नहीं है. हालांकि कुछ जिलों में मामले में बढ़े हैं. ये जिले हैं सतारा, पुणे और औरंगाबाद. लेकिन ये अभी पूरे राज्य के लिए परेशानी वाली बात नहीं है. हालाकि डॅाक्टर्स का ये भी मानना है कि नये वेरिएंट को हमे हल्के में नहीं लेना है. उस पर लगातार नजर बनाकर रखना है. साथ ही कोरोना नियमों का पालन भी बरकरार रखना है. डॅा. सूपे बताते हैं कि वायरस हमारे बीच से पूर्ण रूप से नहीं जाएगा. संभव है कि मौसमी संक्रमण का रूप ले ले यानी स्वाइन फ्लू की तरह. इसलिए अब हमें इसके साथ रहना सीख लेना चाहिए.

अगस्त महीने में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मुख्‍य वैज्ञानिक डॉ. सौम्‍या स्‍वामीनाथन ने भी कहा था कि भारत में कोरोना एक तरह से महामारी के स्‍थानिकता के चरण में प्रवेश कर रही है. डॉ. सौम्‍या ने बताया था कि स्थानिक अवस्था तब होती है जब कोई आबादी किसी भी वायरस के साथ ही रहना सीख जाती है.