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दिव्यांग छात्रों के लिए एनसीईआरटी की ऑडियो और टॉकिंग बुक्स

दिव्यांग छात्रों के लिए एनसीईआरटी की ऑडियो और टॉकिंग बुक्स

IANS
| Edited By :
09 Dec 2021, 01:45:01 AM (IST)

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति के तहत ऑडियो और टॉकिंग बुक्स योजना विकसित करने का निर्णय किया है। दरअसल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका का उल्लेख किया गया है।

सीआईईटी-एनसीईआरटी दिव्यांग छात्रों के लिए ऑडियो, वीडियो और सुलभ प्रारूप जैसे कई प्रारूपों में किताबें उपलब्ध करा रहा है। इसमें भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) में पाठ्य पुस्तकें और बोलने वाली किताबें शामिल हैं।

कक्षा 1 से 12 तक की एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों से अब तक 3211 ऑडियो बुक चैप्टर को ऑडियो, टॉकिंग बुक्स के रूप में विकसित किया गया है और व्यापक प्रसार के लिए दीक्षा पोर्टल पर मुफ्त में अपलोड किया गया है।

इसके अलावा, ऑडियो सामग्री 230 ऑडियो स्टेशनों (ज्ञानवाणी एफएम स्टेशन - 18, सामुदायिक अनुपात स्टेशन - 80, अखिल भारतीय रेडियो स्टेशन - 132 और इंटरनेट रेडियो) पर भी उपलब्ध है।

एनईपी-2020 की परिकल्पना है कि शिक्षण-अधिगम और मूल्यांकन के उद्देश्यों के लिए शैक्षिक सॉफ्टवेयर की एक समृद्ध विविधता विकसित की जाएगी और सभी स्तरों पर छात्रों और शिक्षकों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

ऐसे सभी सॉफ्टवेयर सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। खास बात यह है कि यह दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों और दिव्यांग छात्रों सहित उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए सुलभ होंगे।

वहीं समग्र शिक्षा शिक्षा, पर शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि संविधान की समवर्ती सूची में होने के कारण, अधिकांश स्कूल संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के अधीन हैं। केंद्र प्रायोजित योजना समग्र शिक्षा के तहत वर्ष 2021-22 से व्यावसायिक शिक्षा का हब एंड स्पोक मॉडल पेश किया गया है।

2021-22 के दौरान कुल 136 हब स्कूलों और 241 स्पोक स्कूलों को मंजूरी दी गई है। इस मॉडल के तहत, हब स्कूलों के मौजूदा व्यावसायिक बुनियादी ढांचे का उपयोग पास के स्पोक स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए करने की परिकल्पना की गई है।

पिछले तीन वर्षों के दौरान कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था क्योंकि वर्ष 2021-22 से हब और स्पोक मॉडल पेश किया गया है। रोजगार कौशल मॉड्यूल को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का एक अभिन्न अंग बनाया गया है।

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