सवा सौ करोड़ देशवासियों का यह देश, टैक्स चुकाने के मामले में बेहद ही पीछे है। बजट सत्र 2017 के करीब आए एक आंकड़ों के मुताबिक भारत में करीब 5 करोड़ लोग आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं जबकि इनमें से 2 करोड़ लोग इनकम टैक्स के रुप में 1 रुपया तक नहीं चुकाते।
सरकारी अध्यननों के मुताबिक जितने लोग देश में आयकर चुकाते हैं तो उतने ही लोग टैक्स चोरी भी करते है।
लोगों को टैक्स चुकाने की ओर प्ररित करने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को टैक्स के दायरे में लाने के लिए सरकार जनधन योजना, डिटिटलाइजेशन, आधार कार्ड को अनिवार्य करने समेत कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इन कदमों में से एक है जीएसटी।
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जीएसटी के लागू होने से मल्टीपल टैक्स स्ट्रक्चर सिस्टम ख़त्म होगा। इसके अलावा कई ऐसे फायदे होंगे जिसकी वजह से इसे सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है।
आखिर क्यों लाया गया जीएसटी?
1. वन नेशन वन टैक्स वन मार्केट की तर्ज पर जीएसटी को लागू करने का मकसद है पूरे देश में एक ही कर व्यवस्था को अपनाया जा सके।
2. ज़्यादा कर हटा कर लोगों की परेशानी कम हो सके और वो कर चुकाने के लिए प्रोत्साहित हो सके।
3. वन नेशन वन टैक्स के ज़रिए जब देश में सभी सामानों की दर एक ही हो जाएगी तो महंगाई और कालाबाज़ारी जैसी चीज़ों पर रोक लगेगी।
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4. टैक्स ढांचा मज़बूत होगा और साथ ही देश की वित्तीय सेहत भी बेहतर हो सकेगी।
5. मल्टीपल टैक्स फाइलिंग ख़त्म होगी और व्यापारियों और कारोबारियों को टैक्स दायर करने के लिए कई जगह दस्तावेज नहीं भरने होंगे और एक ही बार में टैक्स फाइलिंग की जा सकेगी।
इससे टैक्स फाइलिंग आसान होगी और ज़्यादा से ज़्यादा लोग टैक्स फाइल करने की ओर प्रेरित होंगे, सरकार का राजस्व बढ़ेगा और अब तक देश में चल रही कर की जटिल प्रक्रिया ख़त्म होगी।
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Source : Shivani Bansal