दृष्टिबाधित छात्रा प्राची सुखवानी ने CAT में हासिल किए 98.55 फीसदी अंक, IIM अहमदाबाद में मिला एडमिशन
प्राची ने महाराजा सायाजिराव यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ कॉमर्स में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बैचलर कोर्स किया है।
नई दिल्ली:
कहते हैं कि अगर लगन और जज्बा हो तो कई परेशानियों के बावजूद आप अपना मुकाम हासिल कर लेते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है प्राची सुखवानी ने। 80 फीसदी दृष्टिबाधित छात्रा प्राची ने कैट 2016 में 98.55 फीसदी अंक हासिल किया है। प्राची ने अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर दुनिया के सामने मिसाल कायम की है।
21 साल की प्राची ने महाराजा सायाजिराव यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ कॉमर्स में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बैचलर कोर्स किया है। कैट क्रैक करने के बाद उन्हें IIM अहमदाबाद में एडमिशन मिल गया है।
प्राची ने एक न्यूजपेपर को इंटरव्यू में बताया, 'मेरा शॉर्ट टर्म लक्ष्य मल्टीनेशनल कंपनी ज्वॉइन करना है। कुछ अनुभव होने के बाद अपना खुद का स्टार्टअप खोलूंगी। इसके साथ ही नेत्रहीन लोगों के लिए एनजीओ भी खोलना मेरा लक्ष्य है।'
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प्राची की मां कंचन एलआईसी एजेंट हैं और पिता सुरेश का कपड़ों का बिजनेस है। प्राची के पिता ने बताया कि जब वह तीन साल की थी, तभी मैक्युलर डिस्ट्रॉफी या रेटिनल डिग्रेडेशन की शिकार हो गई थी। इस बीमारी की वजह से प्राची की दृष्टि क्षमता धीमे-धीमे कम होती चली गई। इस जेनेटिक विकार के कारण प्राची की 80 फीसदी दृष्टि बाधित हो चुकी है।
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फैकल्टी ऑफ कॉमर्स के डीन प्रफेसर शरद बंसल ने कहा कि वह एमएसयू में साल 1993 में बीबीए प्रोग्राम शुरू होने से पहले से ही जुड़े हैं। यह उनके लिए गौरवशाली पल हैं। प्राची की सफलता को उन्होंने हर किसी के लिए प्रेरणा बताया है।