दिल्ली-एनसीआर में इमारतों का गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक सप्ताह के भीतर गाज़ियाबाद में दूसरा पांच मंजिला मकान ढह गया। खोड़ा में पांच मंज़िला मकान भरभराकर गिर गई।
प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। राहत और बचाव का कार्य जारी हो गया है। हालांकि अभी तक किसी जान के नुकसान की खबर सामने नहीं आई हैं।
Spot visuals of the five storey building that collapsed in Ghaziabad's Khoda area. No casualty has been reported. NDRF & other rescue teams are present at the spot pic.twitter.com/BnFc6eXj0E
— ANI UP (@ANINewsUP) July 27, 2018
गाज़ियाबाद के डीएम रितु माहेश्वरी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा, 'इमारत 8-10 साल पुरानी थी और अच्छी हालत में नहीं थी। अभी तक कोई जान के नुकसान की खबर नहीं है। एनडीआरएफ और दूसरे रेस्क्यू टीम राहत और बचाव काम कर रहे हैं।
The building was not in good condition, it was 8-10 years old & had been evacuated already. No casualty has been reported. NDRF & other rescue teams are present at the spot: Ritu Maheshwari, Ghaziabad DM on 5 storey building that collapsed in Ghaziabad's Khoda area pic.twitter.com/gjyJA3kGYk
— ANI UP (@ANINewsUP) July 27, 2018
स्थानीय लोगों के मुताबिक मकान बहुत पुराना था और इसमें कोई रहता नहीं था। एक कपड़े का शोरूम था लेकिन वो भी मकान के खस्ताहाल स्थिति के बाद बंद कर दिया गया था।
The building was old, nobody stayed there. A clothes showroom was there but that too had been shut down as the condition of the building was not good: Local on 5 storey building that collapsed in Ghaziabad's Khoda area pic.twitter.com/S89pdJmcvm
— ANI UP (@ANINewsUP) July 27, 2018
जानकारी की मानें तो पुरानी इमारत में कुछ दिन पहले हेडरा घुस गया था। उस वक्त मकान में दरार आ चुकी थी और आशंका जताई जा रही थी कि इमारत कभी भी गिर सकती है। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
बता दें कि इससे पहले 23 जुलाई को गाज़ियाबाद के विकास नगर में एक पांच मंजिला निर्माणाधीन इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई जिसमें दो मजदूरों की जान चली गई थी।
कुछ दिन पहले ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में एक 6 मंजिला इमारत ढह गई थी जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। मलबे में दबे लोगों और शवों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की कई टीमों को तीन दिनों तक मशक्कत करनी पड़ी थी।
Source : News Nation Bureau