पहाड़ी इलाक़ों में भारी बारिश की चेतावनी, उत्तर पूर्व और उत्तराखंड के कई हिस्से जलमग्न
असम के 24 ज़िले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हुए है।
नई दिल्ली:
भारत के कई हिस्सो में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गुरुवार को मौसम विभाग ने एक बार फिर से पहाड़ी इलाक़ों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश, देहरादून, असम, उत्तर पूर्व (अरुणाचल, मणिपुर और नगालैंड) और उत्तराखंड के कई हिस्से में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। बता दें कि असम के 24 ज़िले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हुए है।
वहीं उत्तराखंड में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भारी बारिश का दौर जारी है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देहरादून और हरिद्वार सहित कई स्थानों पर स्कूल एवं कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। भारी बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बाधित हो गई हैं और निचले हिस्सों में जलभराव हो गया है।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने का निर्णय लिया हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बाढ़ के हालात की जानकारी मांगी।
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इन सब के बीच असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और बाढ़ग्रस्त लोगों को राहत देने का भरोसा दिया।
बता दें कि असम के गोलाघाट में रहने वाले बाढ़ से प्रभावित स्थानीय लोगों को सुरक्षित इलाक़ों में भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया है कि पिछले 24 घंटे में बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 44 तक पहुंच गई है।
#AssamFloods Locals shifted to safer places after massive inundation in Assam following incessant rains causing floods;visuals from Golaghat pic.twitter.com/49k02fSKSS
— ANI (@ANI_news) July 13, 2017लखीमपुर जिले में सबसे ज्यादा 10 और कमरूप जिले में आठ लोगों की मौत हुई है। ब्रह्मपुत्र सहित कम से कम 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
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वहीं उत्तराखंड में डोइवाला, ऋषिकेश, हल्दवानी, भीमताल और देहरादून जलमग्न हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बद्रीनाथ और यमुनोत्री में वार्षिक चार धाम यात्रा का मार्ग बाधित हो गया है और तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग जैसे सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।
लांबागढ़ के पास बद्रीनाथ राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया गया है। चमौली जिले में ही 50 से अधिक सड़कें बाधित हैं।
मुलयागांव, ब्यासी और तोताघाट के पास ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग बाधित है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि अगले 48 घंटों तक बारिश का दौर जारी रहेगा। बादल फटने से देहरादून-सहारनपुर सड़क धंस गई, जिससे यातायात बाधित हुआ।
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