असम में बाढ़ ने अपनाया रौद्र रूप, 32 लोगों की गई जान, सैकड़ों हेक्टेयर खेती भी बर्बाद
असम में बाढ़ की वजह से स्थिति दिनों दिन और खराब होती जा रही है। राज्य के लखीमपुर, जोरहाट, सिवासगर, चारादियो और करीमगंज में बेकाबू बाढ़ ने 32 जिंदगियों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दी।
नई दिल्ली:
असम में बाढ़ की वजह से स्थिति दिनों दिन और खराब होती जा रही है। राज्य के लखीमपुर, जोरहाट, सिवासगर, चारादियो और करीमगंज में बेकाबू बाढ़ ने 32 जिंदगियों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दी। कमोबेश यही हालत असम के ज्यादातर जिलों का है।
असम में बाढ़ की मौजूदा हालात को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी ने कहा है कि ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर हर घंटे लगभग 1 इंच तक बढ़ रहा है। अगर ब्रह्मपुत्र नदी के जलस्तर बढ़ने की यही रफ्तार बनी रही तो असम में बाढ़ से और क्षति हो सकती है।
राज्य में बाढ़ की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से फोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया।
गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह ने असम में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए असम और दूसरे पूर्वोत्तर राज्य को हर संभव मदद देने का आदेश दिया है।
बाढ़ की भयावह स्थिति की वजह से असम में अबतक 1912 हेक्टेयर खेती बर्बाद हो चुकी है जबकि सैकड़ों जानवरों की भी मौत हो चुकी है। लोग अपना घर-बार छोड़कर बाढ़ राहत कैंपों में शरण लेने के लिए मजबूर है।