'5 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम जारी, 3 लाख फर्जी कंपनियां हुईं बंद'
सुस्त होती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 23 अगस्त को की गई घोषणाओं के बाद शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के विलय की घोषणा की.
नई दिल्ली:
भारतीय अर्थव्यवस्था को दूर करने की दिशा में सरकार क्या काम कर रही है. इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया से मुखातिब हुई. मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ने का काम कर रही है.बैंकिंग सेक्टर में लोगों के हित में फैसला लिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कई बैंकों के विलय की घोषणा की.
निर्मला सीतारमण ने पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक के विलय का ऐलान किया. इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा.
इंडियन बैंक का विलय इलाहाबाद बैंक के साथ होगा. वे 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ सातवें सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक होंगे.
केनरा बैंक और सिडिकेंट बैंक का एक साथ विलय किया जाएगा. अब सार्वजनिक क्षेत्र का चौथा बैंक बन जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय होगा.अब सार्वजनिक क्षेत्र का यह पांचवा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रस्तावित विलय के बाद अब केवल 12 पब्लिक सेक्टर बैंक देश में होंगे.
इस विलय के बाद देश को 7वां बड़ा पीएसयू बैंक मिलेगा. वित्त मंत्री के ऐलान के बाद अब देश में 12 PSBs बैंक रह गए हैं. इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे.
वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बैंकों को चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगा, उनका पास बैंकों को निर्णय की समीक्षा की शक्ति होगी.
निर्मला सीतारमण ने बताया कि एनपीए में कमी आई है जो अब 7.9 लाख करोड़ बचा है जो दिसंबर 2018 में 8.65 लाख करोड़ था.
18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 प्रॉफिट में हैं. बैंकिग सेक्टर को मजबूत बनाने पर हमारा जोर है. ग्रॉस एनपीए में कमी आई है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हाउसिंग फाइनेंस को 3300 करोड़ रुपये का सपोर्ट सरकार देगी.
नीरव मोदी का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि भगोड़ों की संपत्ति के जरिए रिकवरी जारी है.
उन्होंने आगे बताया कि अब तक 3 लाख से अधिक शेल कंपनियां बंद हो चुकी हैं. 8 पीएसयू बैंकों ने रिपो रेट को ब्याज दर से जोड़ा.
250 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन की मॉनिटरिंग के लिए स्पेशलाइज्ड एजेंसियां बनाई गई है.
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि हमें फाइनैंशल सेक्टर के लिए मजबूत आधार तैयार करना होगा.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि मेरे पिछले ऐलान के बाद 4 एनबीएफसी ने अपने समस्याओं का समाधान बैंकों के जरिए किया है.
निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद बैंकों की कुछ ऐसी स्थिति होगी.
1. पंजाब नेशनल बैंक के साथ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का मर्जर,
2. केनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक का विलय
3. इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक का मर्जर
4. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक का विलय.
5. बैंक ऑफ इंडिया
6. यूको बैंक
7.बैंक ऑफ महाराष्ट्र
8.इंडियन ओवरसीज बैंक
9. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
10.पंजाब एंड सिंध बैंक
11.स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
12.बैंक ऑफ बड़ौदा