.

किसानों ने ठुकराया सरकार के कमेटी बनाने के ऑफर, बेनतीजा रही बैठक

अब सरकार का एक और प्रतिनिधि मंडल किसानों के सामने इस आंदोलन को बंद करने के लिए शाम 7 बजे एक और बैठक करेंगे. आपको बता दें कि इस बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के किसान शामिल रहेंगे.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Dec 2020, 06:21:19 PM (IST)

नई दिल्ली:

फॉर्म बिल को लेकर नाराज किसानों को प्रदर्शन से रोकने के लिए केंद्र सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक की. इस बैठक में किसानों और सरकार के बीच बात नहीं बनीं और किसानों ने इस बैठक में सरकार के प्रस्तावों को ठुकरा दिया. आपको बता दें कि सरकार ने इस बैठक में किसानों की मांगों के लिए उन्हें कमेटी बनाकर उनकी समस्याओं और मांगों का हल करने की बात कही थी जिसे किसानों ने एक सिरे से नकार दिया और इस तरह से किसानों और सरकार के बीच हुई पहली दौर की बैठक बेनतीजा रही. 

अब सरकार का एक और प्रतिनिधि मंडल किसानों के सामने इस आंदोलन को बंद करने के लिए शाम 7 बजे एक और बैठक करेंगे. आपको बता दें कि इस बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के किसान शामिल रहेंगे. ये बैठक शाम 7 बजे होगी इस बैठक में सरकार का दूसरा प्रतिनिधि मंडल किसानों से बातचीत करेगा, कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर किसानों से बातचीत करेंगे इसके पहले पहले दौर की बैठक में सरकार की ओर से किसानों के लिए कमेटी बनाने का सुझाव दिया गया था. 

आपको बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है. सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर किसानों को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों ने अहम बैठक की थी. आपको बता दें कि इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राजनाथ सिंह, अमित शाह समेत कई बीजेपी के दिग्गज मीटिंग में मौजूद थे. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार तुरंत बिना शर्त किसानों से बात करनी चाहिए. 

किसान आंदोलन पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान है. उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है. इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है. सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, यात्रियों को कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ रहा है.