असम के सोनितपुर में आया भूकंप, रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई तीव्रता
असम के गुवाहाटी समेत पूर्वोत्तर में बुधवार सुबह भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया है. 7 बजकर 55 मिनट पर आए इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 बताई जा रही है.
सोनितपुर:
बुधवार तड़के असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य भूकंप के झटकों से दहल उठे. 7 बजकर 55 मिनट पर आए इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 बताई जा रही है और भूकंप का केंद्र बिंदु असम का सोनितपुर बताया जा रहा है. वहीं, गुवाहाटी में भूकंप की तीव्रता 4.43 थी. लोगों को कई मिनट तक यह झटके महसूस हुए. भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई इमारतों में दरारें पड़ गईं. बताया जा रहा है कि लोगों ने दो बार झटके महसूस किए. भूकंप के बाद कई इलाकों की बिजली गुल हो गई. हालांकि अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है.
बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके बिहार के कई जिलों में महसूस किए गए. बिहार के मुंगेर, कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, पूर्णिया, खगड़िया समेत कई इलाकों में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक, असम में आधे घंटे के अंदर भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए. इनमें सबसे पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप था. इसके बाद 7 बजकर 58 मिनट पर 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया और इसके बाद 8 बजकर 1 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया.
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया है कि अभी वह भूकंप प्रभावित जिलों की जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने सबके सुरक्षित रहने की भी कामना की.
Big earthquake hits Assam. I pray for the well being of all and urge everyone to stay alert. Taking updates from all districts. #earthquake
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) April 28, 2021असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भूकंप की वजह से गुवाहाटी में इमारतों को हुए नुकसान की कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं.
भूकंप आने पर क्या करें?
- भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं.
- या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए.
- भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.
- भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें.
भूकंप आने पर क्या ना करें?
- भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर है तो कोशिश करें कि ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें.
- भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर न निकलें। जहां हैं वही खुद को सुरक्षित करने के प्रयास करें.
- भूकंप आने पर अगर आप घर में हैं तो दरवाजे, खिड़कियों और दीवारों से दूर रहें.
- भूकंप के वक्त लिफ्ट का इस्तेमाल तो भूलकर भी न करें.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. दरअसल भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है. मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है. जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है.