डीआरडीओ 2.5 साल में विकसित करेगा 800 किमी. रेंज की ब्रह्मोस मिसाइल
डीआरडीओ ने कहा कि अगले ढाई साल में मिसाइल की रेंज 800 किलोमीटर कर दी जाएगी।
नई दिल्ली:
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज, 450 किलोमीटर से बढ़ाकर ढाई साल में 800 किलोमिटर करने पर विचार कर रही है।
डीआरडीओ ने कहा है कि ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज बढ़ाकर 450 किलोमीटर कर दी जाएगी। इसका पहला परीक्षण 10 मार्च को किया जाएगा। डीआरडीओ ने कहा कि अगले ढाई साल में मिसाइल की रेंज 800 किलोमीटर कर दी जाएगी।
पिछले साल अक्टूबर में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारत और रूस में ब्रह्मोस का उन्नत संस्करण बनाने को लेकर करार हुआ था। रूस, भारत के साथ मिलकर यह काम करने के लिए इसलिए राजी हुआ क्योंकि भारत मिसाइल कंट्रोल रिजिम (MTCR) में शामिल हो गया था।
एमटीसीआर के नियम के मुताबिक इसमें शामिल देश किसी ऐसे देश के साथ मिलकर 300 किलोमीटर की रेंज से ऊपर की मिसाइल नहीं बना सकते जो इस ग्रुप में शामिल ना हों।
वर्तमान ब्रह्मोस मिसाइलों की रेंज 290 किमी होती है। इसे रूस की मदद से तैयार किया गया है। आर्मी ने इसके कई टेस्ट किए हैं। आखिरी टेस्ट मई 2015 में ईस्टर्न सेक्टर में किए गए।
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मिसाइलों की एक खासियत यह भी है कि ये पहाड़ों के संकरे इलाकों में छिपे लक्ष्यों को निशाना बनाने में यह मिसाइल सक्षम है। इसे किसी भी प्लेटफॉर्म, मसलन-सबमरीन, शिप, एयरक्राफ्ट और जमीन पर लगे मोबाइल लॉन्चर्स के जरिए लॉन्च किया जा सकता है।
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