कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन बने देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार, तीन साल के लिए हुई नियुक्ति
केंद्र सरकार ने कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को मुख्य आर्थिक सलाहकार के रुप में नियुक्त किया है. कृष्णमूर्ति का कार्यकाल तीन साल के लिए होगा.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) के रुप में नियुक्त किया है. कृष्णमूर्ति का कार्यकाल तीन साल के लिए होगा. अरविंद सुब्रह्मण्यम के जून में पद छोड़ने के बाद से पिछले छह महीनों से इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई थी. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन बैंकिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और इकोनॉमिक पॉलिसी के एक्सपर्ट हैं. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन सेबी और रिजर्व बैंक की कई कमेटी में शामिल रहे हैं. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने कहा कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने आईएसबी के कार्यकारी निदेशक (सेंटर फॉर एनालिटिकल फाइनेंस) कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्ण्यम को सीईए के पद पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है.
सुब्रह्मण्यम ने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से पीएचडी (वित्तीय अर्थशास्त्र) की है और आईआईएम कोलकाता और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र हैं.
अरविंद सुब्रमण्यन को 16 अक्टूबर 2014 को मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था. अरविंद सुब्रमण्यन ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के छात्र भी रह चुके हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार बनने से पहले अरविंद सुब्रमण्यन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में अर्थशास्त्री थे और जी-20 पर वित्त मंत्री के विशेषज्ञ समूह के सदस्य भी रह चुके हैं.
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उन्होंने अपने तीन साल का कार्यकाल 2017 में ही पूरा कर लिया था जिसके बाद केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया था. विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया था.